ट्विटर की मनमानी की एक और तस्वीर सामने आई है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के अकाउंट को ट्विटर ने unverify कर दिया है। मतलब की उनके अकाउंट का नीला निशान हटा दिया है। ना सिर्फ मोहन भागवत ,सुरेश सोनी, कृष्ण गोपाल जो भी संघ के नेता है। उनके सभी के अकाउंट से भी ट्वीटर ने ब्लू टिक मतलब नीला निशान वेरीफिकेशन हटा दिया गया है।
मोहन भागवत के ट्विटर के अकाउंट के डाटा को भी डिलीट कर दिया गया है। इसको लेकर ट्विटर की तरफ से कोई भी सफाई नहीं दी गई है।मोहन भागवत के ट्विटर के अकाउंट का वेरीफिकेशन हटाने के पीछे ट्वीटर ने कोई भी तर्क नहीं दिया है।
इससे पहले उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के अकाउंट को भी ट्वीटर ने unverify किया गया था। लेकिन बाद में जब सवाल उठने शुरू हुए तो ट्वीटर ने उसे दोबारा से रिस्टोर कर दिया गया था। तकरीबन 2 घंटे के बाद उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के अकाउंट को दोबारा से वेरीफाई कर दिया गया।
अब ट्विटर की तरफ से एक नया विवाद पैदा करने की कोशिश की जा रही है। इस को लेकर सरकार बहुत ही गंभीर है। अब आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का अकाउंट अनवेरीफाई कर दिया गया है। इसका आधार क्या है।इसके बारे में कोई भी सफाई ट्विटर के द्वारा नहीं दी गई है।
संघ प्रमुख समेत आर एस एस के कई प्रमुख नेताओं के अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिए गए हैं। जब सुबह उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के ट्विटर को लेकर विवाद हुआ।
तो ट्विटर की तरफ से सफाई में कहा गया कि अकाउंट में लॉगिन हुए 6 महीने से ज्यादा का वक्त बीत गया था। अकाउंट पिछले 6 महीने से एक्टिव नहीं था। इसी वजह से उनका ब्लूटिक हटा दिया गया।
हालांकि उसके बाद उसे दोबारा बहाल कर दिया गया। मतलब उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का अकाउंट दोबारा से वेरीफाई कर दिया गया। लेकिन ट्विटर के पास इस बात का कोई भी जवाब नहीं है कि कई ऐसे अकाउंट है। जो बहुत वक्त से एक्टिव नहीं है। उनको अन वेरीफाई नहीं किया गया है.
लेकिन चुन-चुन कर जानबूझकर एकतरफा कार्रवाई के तहत ट्विटर ,इस तरीके से साजिश रच रहा है और मनमानी कर रहा है। ट्विटर का रूल है कि जिस अकाउंट को वेरीफाई माना जाता है। उसके आगे ब्लू टिक लगा दिया जाता है।
अब जो खबर आ रही है यह आज सुबह से उसके अनुसार कई ऐसे बड़े नेता जो r.s.s. से जुड़े हुए हैं। उनके अकाउंट को अनवेरीफाइड ट्विटर के तरफ से किया गया है।