नमस्कार दोस्तों आज मैं इस पोस्ट मैं आपको करेले के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बाते बताऊंगा। जो आपके लिए जानना बेहद जरुरी है। जी हाँ दोस्तों आज मैं आपको बताऊंगा की किन लोगो को करेला नहीं खाना चाहिए। करेला अपने स्वास्थय लाभ के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। यही वजह है की कड़वा स्वाद होने के बावजूद भी लोग करेले को पसंद करते है। करेला एक सब्जी और ओषधि दोनों ही है। प्रोटीन ,काबोहाइड्रेट,कैल्शियम,आयरन,फॉस्पोरस,मैग्निसियम,मैगनीज,विटामिन-A,विटामिन-C, और विटामिन-बी का प्रचुर स्त्रोत है। करेले में फाइबर भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है। करेले में कैलोरी भी बहुत कम होती है। आप करेले की सब्जी भी खा सकते है या फिर करेले का जूस का सेवन भी कर सकते है।
करेला खाने के फायदे
दोस्तों वैसे तो करेले के ढेरो फायदे है। जैसे :-
- करेला खून को साफ़ करता है।
- करेला शुगर को कण्ट्रोल करता है।
- करेला पेट की सफाई करता है।
- करेला कब्ज की समस्या को दूर भी करता है।
- करेला खाने से हम थकावट ह्रदय रोग और सर दर्द से बच सकते है।
- करेला खाने या करेले का जूस पिने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
- करेला मधुमेह (शुगर) में फायदेमंद होता है। जबकि करेला आँखों के लिए वरदान है।
- करेला पेट के कीड़ो को भी खत्म करता है। करेला बवासीर की समस्या में भी फायदेमंद होता है।
करेला खाने के फायदे
लेकिन इन सब के अलावा कुछ लोग जिन्हे करेले का सेवन बिलकुल नहीं करना चाहिए।
जानिए किन लोगो को करेला नहीं खाना चाहिए
- यदि शुगर के मरीज अधिक मात्रा में करेले का सेवन करते है। तो यह उनके लिए हानिकारक हो सकता है। करेले का ज्यादा सेवन करने से ब्लड प्रेशर लो हो सकता है। इसलिए करेल के नियमित सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए।
- गर्भवती महिलाओ को करेले का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे आपके गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान हो सकता है। साथ ही जो महिलाए माँ बनने की सोच रही है। उन्हें करेले खाने के बचना चाहिए। क्योंकि करले के बीजो में अलफाममोरकारिन तत्व होता है। जो प्रेगनेंसी में बाधा उत्पन्न कर सकता है।
- वैसे तो करेला लिवर के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन अधिक मात्रा में करेले का सेवन लिवर में इन्फेक्शन का कारण बन सकता है। करेला सीधे तौर पर लिवर को नुकशान नहीं पहुँचता पर इसके अधिक सेवन से लिवर एंजाइम बढ़ते है। जो धमनियों में अकड़न बढ़ा सकते है।
- करेला बच्चो के लिए भी हानिकारक हो सकता है। करेले के बीज को कवर करने वाले लाल तत्व विषैले होते है। जो बच्चो में उलटी और डायरिया जैसी बीमारी फैला सकते है।
- जो भी महिला या पुरुष फर्टिलिटी रिलेटेड दवाई ले रहे है। उन्हें करेले के जूस का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि करेले का सेवन करने से दवाओं का असर कम हो सकता है।
- इन सभी चीजों के अलावा करेला ब्लड शुगर लेवल को प्रभवित करता है। इसलिए सर्जरी होने के दो सप्ताह तक करेले का सेवन न करे। करेले में कम कैलोरी होती है जिससे वजन घट सकता है।

रात को करेला क्यों नहीं खाना चाहिए ?
दोस्तो करेला अपनी कड़वाहट के लिए जाना जाता है। लेकिन इसके गन इसकी कड़वाहट में ही छिपे होते है। गुणकारी होने के कारण करेला सब्जियों में एक विशेष स्थान रखता है। ये शरीर के लिए लाभदायक होता है। विशेषकर के शुगर के लिए करेला विशेष महत्व रखता है। लेकिन अगर सावधानीपूर्वक इस्तमाल नहीं किया जाये तो ये हानिकारक हो सकता है। करेले की तासीर गर्म होती है। करेला स्वाद में कड़वा होता है। रात में खाने से पेट में मरोड़ और दर्द हो सकता है। वायु उत्पन्न करने वाले खाद्य पदार्थ रात के समय नहीं खाने चाहिए।

करेला खाए और पेट की चर्बी हटाए
करेले का स्वाद खाने में चाहे कड़वा हो। लेकिन करेला कई दूसरी सब्जियों के मुकाले काफी पौष्टिक होता है। एक तरह से देखा जाए तो करेला पोषक तत्वों की खान है। करेले को अपनी डाइट में शामिल करके आप अपने शरीर की चर्बी और वजन को काफी तेजी से घटा सकते है। आइए जानते है की करेले के सेवन से वजन किस तरह कम किया जा सकता है।
करेले के सेवन से वजन किस तरह कम किया जा सकता है
करेले में कार्बोहायड्रेट, वसा और कैलोरी की मात्रा काफी कम होती है। 150 ग्राम करेले में केवल 50 कैलोरी ही होती है। करेले में काफी मात्रा में पानी और घुलनशील फाइबर पाया जाता है। फाइबर से भरपूर भोजन करने से पेट काफी समय तक भरा हुआ महसूस करता है। इसलिए अगर आप करेले खाएंगे तो आपको भूख भी कम महसूस होगी। अगर आप जरूरत से ज्यादा नहीं खाएंगे तो आपके शरीर में एक्स्ट्रा क्लोरी भी वसा के रूप में जमा नहीं होगी। अब आपका वजन अपने आप कम होना शुरू हो जायेगा।
अभी हाल में ही हुई एक रिसर्च से ये पता चला है कि करेले का जूस पिने से वसा की कोशिकाए कम होने लगती है। इस से यह निष्कर्ष निकला है कि करेला मोटापा कम करने के लिए एक प्राक्रतिक एजेंट के रूप में काम करता है। इसके अलावा करेले का जूस पिने से ब्लड शुगर का लेवल भी ठीक रहता है। करेला खाने से इन्सुलिन की मात्रा भी नियंत्रण में रहती है। इन्सुलिन के नियंत्रण के होने के कारण यह शुगर को वसा के रूप में शरीर में जमा नहीं होने देता है। जिस से आपका वजन भी आपके नियंत्रण में रहता है।

करेले का जूस बनाने का सही तरीका
करेले का जूस बनाने के लिए दो या तीन करेलो को बीच से काट ले। अब करेले के बीजो और सफ़ेद गूदे को निकाल ले। इन कटे हुए करेलो को पंद्रह से बीस मिनट के लिए ठन्डे पानी में डुबोकर रखे। अब मिक्सी की सहायता से इनका जूस निकाल ले। अब इस जूस को कपडे और छलनी की मदद से छान ले। अब इस जूस में निम्बू और सेंधा नमक मिला कर करेले के जूस का सेवन करे। अगर आपको करेले का जूस कड़वा लगता है तो आप करेले की जूस में बराबर मात्रा के किसी दूसरे फल का जूस मिलकर पी सकते है। इस तरह आप करेले का जूस घर पर बना कर पी सकते है।

करेले की कड़वाहट दूर कैसे करे
करेले की कड़वाहट दूर करने के लिए सबसे पहले करेले का छिलका उतार ले। फिर करेले को दो भागो में बाँट कर उसके अंदर के बीज निकाल ले। अब तीस मिनट तक करेले को नमक के पानी में भिगो कर रख ले। अब करेले को साफ़ पानी से धो ले। अब इन करेलो के कड़वाहट दूर हो चुकी है। अब अगर आप इन करेलो का जूस या सब्जी बना कर सेवन कर सकते है।
दोस्तों इस पोस्ट में अब तक आपने करेला खाने के फायदे , जानिए किन लोगो को करेला नहीं खाना चाहिए , रात को करेला क्यों नहीं खाना चाहिए ? , करेला खाए और पेट की चर्बी हटाए , करेले के सेवन से वजन किस तरह कम किया जा सकता है , करेले की कड़वाहट दूर कैसे करे , करेले का जूस बनाने का सही तरीका के बारे में पढ़ा। मैं उम्मीद करता हूँ आपको करेले से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल चुके होंगे। अगर अब भी आपके मन में करेले से जुड़ा कोई सवाल है तो आप कमेंट के जरिये उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है।