Christmas Hindi Kahaniya: कहानियाँ पढ़ना हर किसी को पसंद होता है विशेष रूप से बच्चों को | इसलिए हम क्रिसमस कहानियाँ लेकर आये है| हमारे द्वारा प्रस्तुत ये क्रिसमस कहानियां आपको जरूर पसंद आएंगी | लेकिन कहानियाँ पढ़ने से पहले जरा उनके बारे में थोड़ा जानें| पहली कहानी का नाम “मोची एवं कल्पित बौने” है जो एक गरीब मोची के बारे में है| मोची अचानक से बहुत गरीब हो जाता है लेकिन बाद में धीरे-धीरे वह अमीर हो जाता है|
जबकि दूसरी कहानी द पोलर एक्सप्रेस है जो पूरी तरह से कल्पना से भरी हुई कहानी है | आपको बता दें कि द पोलर एक्सप्रेस एक 32 पेजों की किताब है जिसे Chris Van Allsburg ने लिखा था| हालाँकि हमने इस कहानी को संक्षेप में प्रस्तुत किया है| तो चलिए शुरू करते हैं-

Christmas Hindi Kahaniya
मोची एवं कल्पित बौने
एक मोची था | लेकिन वह अचानक से बहुत गरीब हो गया था | वह इतना गरीब हो गया था कि उसके पास केवल एक जोड़ी जूतों के लिए चमड़ा बचा था | हालाँकि वह बहुत धैर्यवान था | इसलिए वह एक जोड़ी जूतों के लिए बचे हुए चमड़े को काटकर सो गया क्योकि वह सुबह उन्हें बनाना चाहता था | लेकिन जैसे ही वह सुबह उठता है तो उसे मेज पर एक जोड़ी जूते बने हुए मिलते हैं|
यह देखकर वह बहुत खुश होता है | जूतों पर जैसे ही एक ग्राहक की नज़र पड़ती है तो वह उसे खरीदने के लिए तैयार हो जाता है| ग्राहक मोची को अधिक पैसे देने के लिए भी तैयार हो जाता है | इस प्रकार से मोची उन जूतों को ग्राहक को अधिक कीमत पर बेच देता है | इसके बाद मोची के पास दो जोड़ी जूतों के लिए चमड़ा खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे हो जाते हैं | एवं दो जोड़ी जूतों के लिए चमड़े काटकर फिर से वह सो जाता है |
और जैसे ही वह सुबह उठता है तो उसे दो जोड़ी जूते अपनी काम वाली टेबल पर बने हुए मिलते हैं | वह फिर से चकित रह जाता है | और सोचता है कि इतनी अच्छी सिलाई तो मैं भी नहीं कर सकता हूँ | यह कौन हैं जो रोज मेरी मदद कर रहा है| चूँकि सिलाई बहुत अच्छे तरीके से होती है जिस कारन से ये दो जोड़ी जूते भी मोची अच्छे दाम में बेच देता है | इस प्रकार से वह चार जोड़ी जूते खरीदने के लिए सक्षम हो जाता है | और इस प्रकार से रोज चलता रहता है |
और इस प्रकार से मोची धीरे-धीरे एक अमीर इंसान बन जाता है | लेकिन एक दिन मोची एवं मोची की पत्नी दोनों ने सोचा कि कौन है जो रोज हमारी मदद कर रहा है | यह सोचकर वे एक रात जागने का विचार बना लेते हैं | दोनों एक मोमबत्ती जलाकर एक परदे के पीछे छिप जाते हैं | और इंतजार करने लगते हैं |
गहरी रात हो जाने पर मोची एवं मोची की पत्नी देखते हैं कि बहुत छोटे आदमी या यूँ कहें कि बौने आते हैं एवं एक कुशल कारीगर की तरह जूतों की अच्छी तरह से सिलाई करने लग जाते हैं | उनके छोटे-छोटे हाथ से इस तरह की अच्छी करिश्माई सिलाई देखकर मोची भी स्तब्ध रह जाता है | हालाँकि बोनों के शरीर पर कोई कपडा नहीं होता है | लेकिन फिर भी वे बहुत सुन्दर लग रहे होते हैं |
इस प्रकार से सच्चाई का मालूम चल जाने के बाद मोची एवं मोची की पत्नी दूसरे दिन यह मन बना लेते हैं वह छोटे से इंसान हमारे लिए इतना कुछ कर सकते हैं तो हम उनके लिए क्यों नहीं | चूंकि बोनों के पास कोई भी कपडे नहीं थे इस कारन से दोनों ने बोनों के लिए कपडे सिलने का विचार किया | और दोनों ने बोनों के लिए अच्छे कपडे सिल दिए |
और रात होने पर मोची एवं मोची की पत्नी ने कटे हुए चमड़े की जगह कपडे रख दिए | और दोनों परदे के पीछे छिपकर सोचने लगते हैं कि इन कपड़ों को देखकर बोनों की क्या प्रतिक्रिया होगी | क्या वे खुश होंगे ? थोड़ी देर के बाद बोने आये| और उन्होंने टेबल पर कपडे देखे | हालाँकि पहले उन्हें आश्चर्य हुआ लेकिन बाद में वे कपड़ों को देखकर बहुत खुस हुए | और कपड़ों को पहनने के बाद वे नाचने एवं गाने लगते हैं |
एवं यह कहने लगते हैं कि अब हमें जूते बनाने की कोई जरूरत नहीं | और वे चले जाते हैं एवं इसके बाद वे कभी वापस नहीं आये | लेकिन इसके बाद भी मोची का व्यवसाय जीवन भर अच्छा चलता रहा |
द पोलर एक्सप्रेस
क्रिसमस दिवस से पहले की शाम जब एक युवा लड़का सो रहा होता है | लेकिन ट्रैन की आवाज से अचानक वह जाग जाता है| एवं इसके बाद वह खिड़की में झांकता है लेकिन उसे कोहरे के कारन कुछ भी स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देता है | एवं इसके बाद वह कमरे से बाहर निकलता है एवं देखता है कि एक ट्रैन बाहर खड़ी है एवं उसका इंतजार कर रही है| इसके बाद कंडक्टर साहब उसे ट्रैन के बारे में बताते हैं कि यह पोलर एक्सप्रेस है और यह उत्तरी ध्रुव की ओर जा रही है|
और इसके बाद लड़का ट्रैन में बैठ जाता है | ट्रैन में वह देखता है कि ट्रैन में कई और भी बच्चे हैं | जैसे ही ट्रैन उत्तरी ध्रुव की ओर पहुंचने वाली होती है तभी कंडक्टर बताता है कि सांता सभी बच्चों में से किसी एक बच्चे को चुनेगा | और वह बच्चा अपनी इच्छा के अनुसार सांता से कुछ भी मांग सकता है| इसके बाद सांता द्वारा उस लडके को चुना जाता है|
लड़का हिरण की गर्दन में बंधी हुई घंटी मांगता है| इसके बाद सांता उसे घंटी दे देता है | घंटी को वह अपनी जेब में रख लेता है| लेकिन लड़के की जेब फटी होती है जिस कारन से जब वह ट्रैन में बैठकर वापस अपने घर आ रहा होता है तभी वह घंटी गिर जाती है | हालाँकि यह बात उस लडके को भी मालूम चल जाती है|
जब लड़का अपने घर पहुँचता है तो कंडक्टर उसे क्रिसमस की शुभकामनायें देता है | एवं घर पहुंचने पर वह लड़का सो जाता है| सुबह होती है | सुबह होने पर उसकी बहन सारा को एक पेड़ के नीचे क्रिसमस गिफ्ट मिलता है | गिफ्ट में एक चिट्ठी के साथ एक घंटी होती है| लड़का समझ जाता है कि यह वही घंटी है जो उसकी जेब में से गिर गयी थी| चिट्ठी सांता के द्वारा भेजी जाती है एवं चिट्ठी में लिखा होता है कि यह घंटी उसे एक सीट के पास में मिली थी |
इसके बाद वह घंटी बजती है| घंटी की आवाज बहुत ही मनमोहक होती है। लेकिन उसकी आवाज केवल उस लड़के को एवं उसकी बहन सारा को सुनाई देती है | एवं उनके माता-पिता को उस घंटी की आवाज सुनाई नहीं देती है| इस कारन से उनके माता-पिता उस घंटी को तोड़ने के लिए कहते हैं | लेकिन लड़का ऐसा नहीं करता है | इसके बाद जैसे-जैसे दिन बीतते जाते हैं तो उस घंटी की आवाज उसकी बहन सारा को भी नहीं सुनाई देती है| लेकिन वह घंटी उस लडके के लिए बजती है क्योकि वह उस पर विश्वास करता है|
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