
naina sahni दिल्ली हाई कोर्ट ने नैना साहनी तंदूर मर्डर केस में जेल में सजा काट रहे कांग्रेस नेता सुशील शर्मा को रिहा करने का आर्डर जारी किया है। सुशील को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। सुशील ने हाई कोर्ट में अपील की थी कि वो 23 साल से सजा काट रहा है। अब उसे मानवीय आधार पर रिहा कर देना चाहिए। कोर्ट ने उसकी अर्जी मान ली है।
क्या है तंदूर मर्डर केस
2 जुलाई 1995 रात साढ़े ग्यारह बजे। दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल अब्दुल नजीर कुंजू और होमगार्ड चंद्रपाल गस्त पर थे। पास में होटल अशोक यात्री निवास था। जिसके अंदर था बघिया रेस्टोरेंट गस्त पर घूम रहे कांस्टेबल को सब्जी बेचने वाले और कुछ लोगो का शोर सुनाई दिया।जब कांस्टेबल अब्दुल नजीर कुंजू ने भीड़ की नजरो का पीछा किया तो देखा। बघिया रेस्टोरेंट से आग की लपटे और धुआँ उठ रही थी। कांस्टेबल अब्दुल नजीर कुंजू ने होम गार्ड को वही छोड़ा और खुद जाकर फायर ब्रिगेड और फाॅर्स को इन्फॉर्म किया। जब वहां पर फाॅर्स पहुंची तो होटल का मैनेजर केशव कुमार वहां पर पहले से ही मौजूद था। एक तंदूर पर लकड़ियां जल रही थी। लपटे उठ रही थी। केशव आग धधका रहा था। पूछने पर उसने बताया की कांग्रेस के पुराने बैनर जला रहे है।
naina sahni पर सच्चाई कुछ और थी उस तंदूर में नैना साहनी की लाश जल रही थी। नैना साहनी और सुशील शर्मा दोनों ही युथ कांग्रेस में अपनी पहचान बना रहे थे। सुशील शर्मा यूथ कांग्रेस में अपनी पहचान बना रहा था। नैना साहनी ने भी दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करके कमर्शियल पायलट का लाइसेंस ले लिया था। इन दोनों को प्यार हुआ और दोनों साथ रहने लगे। दोनों लिव इन में रह रहे थे। कई जगहों पर दोनों को पति पत्नी ही लिखा गया है। साथ रहने के कुछ दिन बाद दोनों को रिलेशन ख़राब होने लगे। सुशील को उनका कॅरिअर डामाडोल होता दिखाई दे रहा था। तो नैना सुशील की तरफ से बोर हो रही थी। सुशील नैना पर शक करने लगा था की उसके किसी और के साथ संबंध है। जबकि नैना मन ही मन ओस्ट्रिलिया जाने की सोच रही थी। नैना ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी थी।
naina sahni 2 जुलाई को जब सुशील घर लौटा तो नैना फ़ोन पर थी। उस वक़्त नैना कुछ पी रही थी। सुशील को देखकर नैना ने फ़ोन रख दिया और ड्रिंक ऑफर की। इसी बीच वीडियो शॉप से प्रदीप शर्मा फिल्मो कि कैसेट देने उनके घर आया। उसको घर में कुछ सही लगा और वो कैसेट देकर चला गया। उसके जाने के बाद सुशील ने फ़ोन का रिसीवर उठा कर रीडायल का बटन दबाया। फ़ोन उधर से उठाया मकबूर करीम ने। ये वही शख्स था जिसके साथ नैना के नाजायज सम्बन्ध होने का शक सुशील को था। उसकी आवाज सुनकर सुशील का गुस्सा आप से बाहर हो गया। उसने नैना से सवाल किया क्यों नहीं खत्म हुआ ये सब। इसका नैना ने ठंडा सा जवाब दिया इससे सुशील का कोई लेना देना नहीं होना चाहिए।इसकी वजह से सुशील का खून खोल गया। वह दराज के पास गया। वहां से पिस्तौल निकाली उसमे 4 गोलियां डाली और बिना वक़्त गवाए तीन गोलियां नैना पर दाग दी। नैना के सिर और गले में दो गोलियां लगी। तीसरी गोली छटक गई। कुछ समय बाद ही नैना तड़प कर उसी बिस्तर पर ढेर हो गई।
naina sahni सुशील की पिस्तौल में अब भी एक गोली बाकी थी। उसका दिमाग तेजी से चल रहा था। नैना की लाश को भी ठिकाने लगाना जरुरी था। सुशील ने नैना की लाश को उसी चादर में लपेट दिया। जिस पर वो खून से लथपथ पड़ी थी। फिर सुशील ने नैनाnaina sahni डाइनिंग टेबल पर पड़े प्लास्टिक कवर से लपेट दिया। उसके बाद उसने बहार झाँका तो सब कुछ नार्मल था। किसी को शक नहीं हुआ था। सुशील नैना की लाश को यमुना में फेकने के लिए अपनी मारुती 800 की डिगी में डाली। ऐसा करते हुए उसे दो लोगो ने देख लिया। लेकिन यमुना ब्रिज पर ट्रैफिक होने की वजह से सुशील नैना की लाश को नहीं फेंक पाया। सुशील को ख्याल आया उसके बघिया रेस्टोरेंट का। उसने गाड़ी मोड़ ली। करीब रात के सवा दस बजे उसने गाडी पार्किंग में लगा कर मैनेजर केशव को बुलाया। उसने केशव को सारी बात बताई। केशव अपने मालिक की बात को टाल ना स्का। उसने रेस्टॉरेंट में खाना खा रहे लोगो से जल्दी खाना खाने की रिक्वेस्ट की और कहा होटल बंद होने वाला है।
केशव ने स्टाफ को भी वहां से भेज दिया। उसके बाद सुशील और केशव नैना की लाश को तंदूर के पास लेकर आये और उस पर छोटी छोटी लकड़ियां रख दी। उसके बाद केशव ने चार बटर के पैकेट उस पर डाल दिए। बटर के साथ नैनाnaina sahni की लाश जलने लगी। नैना naina sahni की अंतिम विदाई यही तक रह जाती अगर सब्जी बेचने वाली अनारो देवी आग को देख कर चिल्लाती नहीं और कांस्टेबल अब्दुल नजीर कुंजू का ध्यान उसकी तरफ नहीं जाता। जब लोगो ने केशव से आग के बारे में पूछ तो उसने कहा वो कांग्रेस के पुराने बैनर जला रहा है। लेकिन मॉस के जलने की बदबू ने उसकी सारी पोल खोल दी। सुशील शर्मा वहां भाग चूका था। जब आग बुझाई गयी तो अंदर से जली हुई लाश और हड्डियां मिली। तंदूर के पास एक पॉलिथीन भी थी। जिस पर खून के दाग थे। DNA टेस्ट के बाद ये साबित हो गया की वो लाश नैना साहनी की ही थी।
naina sahni 10 जुलाई 1995 को सुशील ने सरेंडर कर दिया। 7 नवंबर 2003 को डिस्ट्रिक कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई। केशव को भी 7 साल की सजा सुनाई गई। सुशील ने हाई कोर्ट में अपील की और कोर्ट ने 19 फरवरी 2007 को कोर्ट का फैसला बरकरार रखने का फैसला किया। सुशील ने फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील की। कोर्ट ने सुशील को दोषी तो ठहराया। लेकिन उनकी सजा उम्र कैद की कर दी।
naina sahni 2015 को जब सुशील परोल पर बाहरआये तो उन्होंने कहा उस 1 सेकंड के गुस्से ने उसकी जिंदगी के 20 साल खा लिए। कोर्ट ने उस फैसले को इसलिए बदला क्योंकि उन्होंने हत्या निजी कारणों की वजह से की थीऔर उनका आपराधिक रिकॉर्ड हत्या से पहले नहीं था।
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