नींद ना आने के मुख्य कारण और उपाय || neend na aaye to kya karna chahiye

दोस्तों नींद का पूरा कनेक्शन हमारे दिमाग से होता है। क्योंकि किसी भी व्यक्ति को नींद तभी आती है। जब हमारे दिमाग में मेलाटोनिन नाम का स्लीपिंग हार्मोन रिलीज होता है। इस हार्मोन को रिलीज होने के लिए दिमाग का शांत होना बहुत ही जरूरी होता है। दरअसल पूरे दिन हमारा दिमाग कई तरह के कामों को अंजाम देने की वजह से पूरी तरह से थक जाता है।

जो कि रात को गहरी नींद में खुद को रिपेयर करके अगले दिन के लिए तैयार करता है। लेकिन जब किसी व्यक्ति को रातों को नींद नहीं आती। तो सुबह हमारा पूरा शरीर थका हुआ होता है। जिसकी वजह से पाचन में गड़बड़ी ,आलस ,कमजोरी ,आंखों में जलन ,सर दर्द और त्वचा का काला पड़ना ,आंखों के नीचे काले घेरे और कई तरीके की समस्या शुरू होने लगती है।

इसलिए आज की इस पोस्ट में हम ऐसी बातों के बारे में जानेंगे neend na aaye to kya karna chahiye। जिसकी वजह से रातों को नींद ना आने की समस्या समय के साथ साथ बढ़ती ही चली जाती है। इसलिए अच्छी नींद पाने के लिए सबसे पहले इन गलतियों में सुधार करना बहुत ही जरूरी हो जाता है।

नींद ना आने के मुख्य कारण और उपाय | neend na aaye to kya karna chahiye

दिन में ज्यादातर समय बैठकर या लेट कर बिताना

जब हमारा शरीर दिन के समय ज्यादातर आराम में होता है। तो हमारे दिमाग को ऐसा लगता है कि अब और ज्यादा आराम की जरूरत नहीं है। जिसकी वजह से रात को जल्दी नींद न आने की समस्या शुरू हो जाती है। खासकर लॉकडाउन  होने की वजह से यह समस्या और  ज्यादा लोगों में देखने को मिलती है। इसलिए पूरे दिन में कुछ ना कुछ फिजिकल एक्टिविटी करने का ,भी खास ख्याल रखना चाहिए।

ओवरथिंकिंग 

कुछ लोगों को बिस्तर लेटने के बाद ,अपनी जिंदगी और काम के बारे में सोचने की आदत होती है। जो कि एक बहुत ही गलत तरीका होता है। क्योंकि सोते समय हमारा दिमाग कड़ी से कड़ी मिलाने लगता है। फिर सोच की गहराई में उतर कर पूरी तरह से एक्टिव हो जाता है।

एक सोच के साथ दूसरी सोच इस तरह जुड़ती चली जाती है ,कि नींद पूरी तरह से गायब हो जाती है। इसलिए बिस्तर पर आने के बाद आपको किसी भी तरह को कोई भी बात बिल्कुल भी नहीं सोचनी चाहिए। यहां तक कि अगर आप घर के लोगों के साथ सोते हैं तो, आपको जो भी बातचीत करनी हो वह सोने से एक घंटे पहले ही खत्म कर लेनी चाहिए।

क्योंकि अगर बिस्तर पर आकर हम लंबी बातचीत करते हैं। तो इससे भी जल्दी ना नींद आने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

तनाव 

कभी-कभी कुछ लोगों के साथ ऐसा भी होता है ,कि हम ना चाहते हुए भी मन में एक के बाद एक ख्याल आते ही रहते हैं। जिससे कि नींद आने में बहुत सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसा होने का सबसे बड़ा कारण है। स्ट्रेस या फिर किसी भी तरह के मानसिक तनाव का होना।

लेकिन यहां इस बात का समझना जरूरी है , आपको तनाव किसी काम की वजह से भी हो सकता है। लेकिन ऐसा होने का सबसे बड़ा कारण होता है कि मोबाइल और कंप्यूटर स्क्रीन का हद से ज्यादा इस्तेमाल करना। क्योंकि स्क्रीन पर लगातार देखने की वजह से एक समय में ज्यादा इंफॉर्मेशन ,हमारे दिमाग में स्टोर हो जाती है।

जिसकी वजह से दिमाग पूरी तरह से थक जाता है और जब दिमाग थकता है।तो सिर्फ आलस और सुस्ती महसूस होने लगती है। लेकिन नींद बिल्कुल भी नहीं आती। क्योंकि नींद आने का एक आसान सा फंडा होता है ,कि जब आपका दिमाग शांत होगा और शरीर थकेगा। तो गजब की नींद आएगी।

लेकिन अगर शरीर दिन भर आराम में रहेगा और दिमाग थकेगा। तो सोते वक्त अजीब-अजीब से ख्याल आएंगे। लेकिन नींद बिल्कुल भी नहीं आएगी। इसलिए जहां तक हो सके।  दिमाग को आराम और शरीर को काम पर लगाने की कोशिश करनी चाहिए।

सोने और उठने का टाइम निर्धारित ना होना 

जिन व्यक्तियों का सोने का और जागने का टाइम निर्धारित नहीं होता। ऐसे लोगों में अक्सर ही नींद ना आने की समस्या देखने को मिलती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब व्यक्ति हर दिन अलग-अलग समय पर सोता है। तो हमारा दिमाग पूरी तरह से कंफ्यूज हो जाता है। जिससे कि दिमाग समझ ही नहीं पाता कि कब सोना है और कब जागना है।

इसलिए रात को नींद ना आने की समस्या शुरू होने लगती है। लेकिन वही जब सोने और जागने का समय निर्धारित होता है। तो सही समय पर बहुत ही जोर से नींद आती है।  सुबह नींद भी सही वक्त पर ही खुलती है। इसलिए हर किसी को सोने और जागने का समय निर्धारित कर लेना चाहिए।

खासकर रात को 9:00 से 10:00 के बीच सोना और सुबह 4:00 से 5:00 के बीच उठना एक बहुत ही बेहतर तरीका माना जाता है। इसलिए आपको भी अपनी आदतों में धीरे-धीरे कुछ ना कुछ सुधार जरूर करना चाहिए।

रात को लेट खाना खाना 

आज के समय में अक्सर ही लोग रात का खाना लेट खाने की वजह से, खाने के तुरंत बाद ही सो जाते हैं। जिससे कि जल्दी नींद आने में बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसा इसलिए क्योंकि खाने के बाद हमारे ब्लड का सरकुलेशन तेज हो जाता है। हमारा दिमाग खाने को पचाने के लिए एक्टिव हो जाता है।

जिससे कि यह हमारे पाचन पर बुरा असर तो डालता ही है। साथ ही जल्दी नींद ना आने की समस्या भी शुरू होने लगती है। इसलिए खाने और सोने के बीच कम से कम दो घंटे का अंतराल जरूर रखना चाहिए।

 पैर का बहुत ज्यादा गर्म या बहुत ज्यादा ठंडा होना

पैर का बहुत ज्यादा गर्म या बहुत ज्यादा ठंडा होना भी नींद में खलल पैदा करता है। आप लोगों ने यह बात खुद भी नोटिस की होगी कि सर्दी के मौसम में, रात को पैर बहुत ही ज्यादा ठंडे और गर्मी के मौसम में बहुत ज्यादा गर्म हो जाते हैं। जिससे कि जल्दी नींद ना आने की समस्या शुरू होने लगती है।

ऐसा इसलिए क्योंकि पैर का सीधा कनेक्शन हमारे दिमाग से होता है। इसलिए दिमाग जल्दी शांत नहीं हो पाता। जिससे कि नींद पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है। इसलिए अगर मौसम गर्मी का हो। तो सोने से कुछ देर पहले एक बर्तन में पानी भरकर उसमें 5 से 10 मिनट तक अपने पैरों को डूबा कर रखना चाहिए।

अगर आप चाहे तो नहा भी सकते हैं। लेकिन अगर मौसम सर्दी का हो तो पैरों में सरसों के तेल से मालिश करना एक बेहतर उपाय या ऑप्शन हो सकता है। क्योंकि ऐसा करने से दिमाग शांत होता है और रात को नींद भी अच्छी आती है।

पानी 

दोस्तों पानी का सही मात्रा में इस्तेमाल करना। हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। लेकिन कुछ लोगों को सोने से तुरंत पहले या नींद से उठ कर पानी पीने की आदत होती है।जो कि अक्सर ही नींद में खलल पैदा करता है। क्योंकि सोने से पहले तुरंत पानी पीने से कुछ ही घंटे बाद टॉयलेट जाने की जरूरत पड़ती है।

जिससे की नींद खुल जाती है , फिर दोबारा नींद आने में बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए ऐसे में जरूरी है कि ,सोने से पहले या नींद खुलने के बाद पानी पिए। तो ऐसे में आपको पानी की मात्रा कम से कम रखनी चाहिए ।

दवाइयां 

दोस्तो आज के समय में ज्यादातर लोगों को जब रात को नींद नहीं आती। तो वह गलती को अपनी सुधारने की बजाय नींद की गोलियों का इस्तेमाल करते हैं। जो कि आगे जाकर बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। क्योंकि नींद की गोली का इस्तेमाल करने से वह हमारे दिमाग को ,जबरदस्ती जल्दी और ज्यादा मात्रा में स्लीपिंग हार्मोन छोड़ने के लिए मजबूर करता है।

जिससे कि शुरुआत में नींद तो आ जाती है। लेकिन लगातार नींद की गोली का इस्तेमाल करने से ,धीरे-धीरे शरीर खुद से स्लीपिंग हार्मोन प्रोड्यूस करना बंद कर देता है।जिससे कि व्यक्ति को पूरी तरीके से नींद की गोलियों पर ही निर्भर रहना पड़ता है।

क्योंकि बाद में ऐसा भी होता है कि नींद की गोलियां खाने के बावजूद भी नींद नहीं आती।  इसलिए आपको जब भी नींद की समस्या होती है। तो आपको अपने दिन भर में की जाने वाली गलतियों पर ध्यान देकर, उसमें सुधार करने की कोशिश करनी चाहिए। जहां तक हो सके नींद की गोलियों से दूर ही रहना चाहिए।

चाय या कॉफी 

रात के समय सोने से पहले चाय और कॉफी का इस्तेमाल करना भी ,नींद ना आने की समस्या का कारण बनता है।ऐसा इसलिए क्योंकि चाय और कॉफी में मौजूद कैफीन। हमारे दिमाग की सेल को एक्टिवेट कर देता है।

जिससे कि दिमाग को शांत होने में घंटों लग जाते हैं। इसलिए आपको सोने से पहले कम से कम दो-तीन घंटों के दरमियान, चाय या कॉफी का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।

लाइट 

कुछ लोगों को बिस्तर पर जाने के बाद में मोबाइल को इस्तेमाल करने की आदत होती है। जो कि एक बहुत ही गलत तरीका होता है। क्योंकि जब मोबाइल से निकलने वाली लाइट हमारी आंखों पर पड़ती है। तो हमारे दिमाग को ऐसा लगता है कि हर दिन अभी भी दिन का समय है।

जिससे कि दिमाग में स्लीपिंग हार्मोन ठीक से रिलीज नहीं हो पाता इसलिए जल्दी नींद ना आने की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसलिए सोने से एक घंटे पहले ही टीवी मोबाइल कंप्यूटर स्क्रीन से खुद को अलग कर लेना चाहिए। साथ ही सोने से पहले कोई ढीला कपड़ा पहन लेना चाहिए।

सोने वाले कमरे की बहुत ज्यादा लाइट को भी बंद कर देना चाहिए। क्योंकि आंखों के आगे जितना अंधेरा होता है। नींद भी उतनी ही अच्छी आती है।

नींद से जुड़े कुछ प्रश्न उत्तर
  • 1.रोजाना कितने घंटे की नींद लेना उचित है ?
  • 6 घंटे रोजाना
  • 2.नींद ना आने का मुख्य कारण क्या क्या है?
  • तनाव और दिमाग शांत न होना
  • 3.रात को सोने का उचित समय क्या है ?
  • रात को 9:00 से 10:00 के बीच
  • 4.रात को सुबह उठने का उचित समय क्या है ?
  •  सुबह 4:00 से 5:00 के बीच
  • 6.कितने घंटे से ज्यादा नींद लेना हानिकारक है ?
  • 8 घंटे से ज्यादा
  • 7.हम अच्छी नींद कब प्राप्त कर सकते हैं ?
  • जब दिमाग शांत और शरीर थका हुआ हो
  • 8.नींद हमारे साथ क्या करती है?
  • दिमाग शांत और अगले दिन काम करने की ऊर्जा

निष्कर्ष – दोस्तों इस पोस्ट में आपने पढ़ा कि रात को जल्दी नींद ना आने के मुख्य कारण,नींद ना आने के मुख्य कारण और उपाय क्या है neend na aaye to kya karna chahiye। अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई हो। तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।आपको अगली पोस्ट किस टॉपिक पर चाहिए हमें कमेंट में जरूर बताएं।

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