Siddaramaiah Biography in Hindi: सिद्धारमैया एक दक्षिण भारत की राजनीती के एक लोकप्रिय व्यक्तित्व हैं| वह कर्नाटक के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं | राजनीति में एक जाना पहचाना नाम होने के कारन वह हमेशा किसी न किसी कारन से चर्चा में बने रहते हैं| इसी को देखते हुए हम Siddaramaiah Biography in Hindi लेख लेकर आये हैं | लेख में सिद्धारमैया के जीवन से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी देने की कोसिस की गयी है | तो अगर आप भी सिद्धारमैया के जीवन से सम्बंधित तथ्यों के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं तो प्रस्तुत लेख को अंत तक पढ़ें |

सिद्धारमैया कौन है?
Siddaramaiah एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं | उनका जन्म 3 अगस्त 1947 को एक कृषक परिवार में कर्नाटक के मैसूर जिले में हुआ था | वह 2013 से 2018 तक कर्नाटक के मुख्यमंत्री का पदभार भी संभाल चुके हैं | वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी से ताल्लुक रखते हैं |
सिद्धारमैया जीवनी
नाम | सिद्धारमैया |
उपनाम | सिद्दू |
जन्म तिथि | 3 अगस्त 1947 |
जन्म स्थान | कर्नाटक, भारत |
उम्र | 75 साल |
संपत्ति | सिद्धारमैया की कुल संपत्ति 15 करोड़ के आसपास है | |
सिद्धारमैया पत्नी
सिद्धारमैया की पत्नी का नाम पार्वती है | सिद्धारमैया दो लड़कों के पिता भी हैं जिनके नाम राकेश एवं यतीन्द्र हैं| लेकिन उनके बड़े बेटे राकेश सिद्धारमैया का 2016 में निधन हो गया | निधन का कारन उनके अंगो की विफलता बताया गया था | इसके अलावा निधन के समय वह केवल 38 वर्ष के थे |
सिद्धारमैया Wikipedia
सिद्धारमैया ने शुरुआत में खुद को एक नास्तिक बताया था | लेकिन बाद में उन्होंने इस बारे में स्पष्ट रूप से कहा कि वह नास्तिक नहीं हैं बल्कि वह केवल अन्धविश्वाश के खिलाफ हैं | वह कई तीर्थ स्थलों का दौरा भी कर चुके हैं |
सिद्धारमैया पृष्ठभूमि
सिद्धारमैया का जन्म एक कृषक परिवार में हुआ था | उन्हें 10 साल की उम्र तक सही स्कूली शिक्षा प्राप्त नहीं की थी | फिर भी उन्होंने Mysore University से बीएससी डिग्री प्राप्त की |
सिद्धारमैया का राजनीतिक सफर
सिद्धारमैया का राजनीति में प्रवेश 1978 से पहले ही हो चुका था | उन्होंने सबसे पहले चामुंडेश्वरी निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय लोक दल पर चुनाव लड़ा | एवं 1983 में उन्होंने 7 वीं कर्नाटक विधानसभा में प्रवेश किया | इस जीत ने उन्हें काफी प्रसिद्धि दिलाई थी | इसके बाद 1985 में वह पशुपालन सेवाओं के मंत्री बने | 1985 के बाद उन्हें अपने राजनीतिक करियर में कई उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़ा | 2004 तक सिद्धारमैया JD (S) में थे |
लेकिन 2005 में उन्हें JD (S) से निष्कासित कर दिया गया | इसके बाद उन्होंने बैंगलूरू में एक बड़ी सार्वजनिक बैठक में कांग्रेस का हाथ थाम लिया | बता दें कि बैठक में सोनिया गाँधी जैसे कांग्रेसी नेता भी मौजूद थे | इसके बाद 3 मई 2013 को कांग्रेस द्वारा सिद्धारमैया को कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया | लेकिन 15 मई 2018 को उन्होंने अपने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया |
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