हर इंसान की खानपान से जुड़ी आदतें अलग अलग होती हैं। हर इंसान सेहतमंद रहने के नजरिए से खाता हैं। जबकि कुछ लोग केवल पेट भरने के लिए खाते हैं। कुछ लोग खाने-पीने में ज्यादा प्रेम करते हैं। तो कुछ लोग केवल स्वाद के पीछे ही भागते रहते हैं। आदतें चाहे जैसी भी हो रोजाना या कभी-कभी खाए जाने वाले वाली चीजों को लेकर। जो हमारी सोच और धारणा बनी हुई है। उस पर हमारे आसपास के लोगों और माहौल का तथा टीवी पर बताए जाने वाले विज्ञापनों का बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। जाने और अनजाने में हम ऐसी चीजें खाना पसंद करते हैं। जो कि हमारी सेहत के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक होती हैं।
तेजी से वजन बढ़ना,अक्सर पेट से जुड़ी हुई अलग-अलग समस्याएं होना,लगातार दिमाग में फिजूल के ख्याल चलते रहना,ज्यादा आलस्य करना या थकान महसूस होना। अचानक त्वचा पर पिंपल या खुजली या इन्फेक्शन होना,रात को ठीक से नींद ना आना,स्ट्रेस का बढ़ना तथा आंखों में कमजोरी आना शरीर में ब्लड प्रेशर कोलेस्ट्रॉल और शुगर बढ़ने के साथ-साथ जोड़ों तथा किडनी से संबंधित गंभीर बीमारियां। केवल खानपान में गलत चीजों का अधिक सेवन करने से ही पैदा होती है। इसलिए आज की इस पोस्ट में हम ऐसी खाए जाने वाली ऐसी आम चीजों के बारे में जानेंगे। जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती हैं और जिनका हमें कम से कम सेवन करना चाहिए। साथ ही हम यह भी जानेंगे कि अगर आप इन चीजों को खाते हैं। तो इन्हें किस तरह और कितनी मात्रा में खाना चाहिए। इस लिस्ट में सबसे पहले हैं।
ऐसी चीजे जिनका सेवन हमे कभी भी नहीं करना चाहिए
चावल
चावल अगर गर्म दिन के समय खाई जाए तो इनसे हमें कोई नुकसान नहीं होता। लेकिन अक्सर लोगों की आदत होती है कि रात के बचे हुए चावल अगले दिन खाने की। रात के बचे हुए चावल जितना हमें लगता है उससे कहीं ज्यादा हानिकारक हो सकते हैं। क्योंकि चावल पकने के बाद जब ठंडे हो जाते हैं। तब चावल बेसिलस सीरियस नाम का जीवाणु फैलने लगता है। ठंडे चावल जितनी देर तक सामान्य तापमान पर रखे होते हैं। उतनी देर तक यह जीवाणु पूरी तरह से चावल पर फैलकर।उसे पूरी तरह से दूषित कर देता है और चावलों पर टॉक्सिंस यानी कि एक विषैला पदार्थ फैला देता है।
फिर चाहे चावल को दोबारा कितनी देर के लिए दोबारा क्यों ना गर्म कर लिया जाए। यह विषैला पदार्थ चावल से बाहर नहीं निकलता और इस तरह के चावल को खाने पर फ़ूड पोइज़निंग होने के अधिक चांस होते हैं। फूड पॉइजनिंग में उल्टी,दस्त और पेट दर्द की समस्या के साथ-साथ सिर दर्द और शरीर में ताकत की कमी भी महसूस होती है। इसलिए इस समस्या से बचने के लिए कोशिश करें और चावल गर्म गर्म ही खाए। अगर आप ठंडे चावल दोबारा इस्तेमाल करना चाहते हैं। तो उन्हें पकाने के बाद पूरी तरह ठंडा होने से पहले ही फ्रिज के अंदर टाइट ढक्कन वाले बर्तन में ही डालकर रखें। लेकिन ऐसा केवल घर पर बनने वाले चावल के साथ ही करे। बाहर मिलने वाले चावल या उन से बनी पकवानों का किसी भी स्थिति में दोबारा इस्तेमाल ना करें।
चाय और कॉफी
इसके अलावा चाय और कॉफी भी कई स्थितियों में हमारे शरीर के लिए बहुत अधिक हानिकारक हो सकती हैं। खासकर तब जब इसका सेवन खाली पेट किया जाए। हमारे पेट के खाली रहने का सबसे लंबा समय रात का समय होता है। रात के समय खाली रहने की वजह से हमारे पेट में एसिड की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है। इसलिए सुबह उठते ही उस एसिड को शांत करने के लिए दो से तीन गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है। लेकिन जो लोग खाली पेट बिना कुछ खाए चाय या कॉफी पीते हैं। उनके शरीर में यह एसिड दुगनी रफ्तार से बढ़ने लगते हैं। ऐसे में हाइपर एसिडिटी,कब्ज,गैस और त्वचा का काला पड़ना और बाल झड़ने जैसी समस्याएं समय के साथ साथ शुरू हो जाती है। चाय में कैफीन की मात्रा अधिक होती है।
जिस के कारण धीरे-धीरे इसकी आदत पड़ जाती है। फिर चाहे दिन का समय हो या शाम का खाली पेट चाय पीना सीधा अपने पेट को जलाने जैसा होता है। चाय पीने से हमारे स्वास्थ्य को किसी भी तरह का लाभ नहीं मिलता और जब इसमें चीनी भी मिला दी जाती है। तो इसके हमारे शरीर पर होने वाले बुरे प्रभाव दस गुना और बढ़ जाते हैं। जिससे कि चाय या कॉफी का रोजाना पिया गया. एक कप ही हड्डियों से लेकर त्वचा तक की पचास नई बीमारियां पैदा कर सकता है। इसलिए चाय या कॉफी खाली पेट कभी बिना पिए और कोशिश करें कि इन्हें पूरी तरह से बंद कर दें।
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कोल्ड ड्रिंक्स सोडा
इसके अलावा सोडा और कोल्ड ड्रिंक्स भी हमारे शरीर के लिए बहुत खतरनाक होते हैं। क्योंकि इनके अंदर जरूरत से ज्यादा शुगर और हानिकारक केमिकल पाए जाते हैं। पोषक तत्व के नजरिए से अगर देखा जाए तो इनके अंदर एक भी ऐसी चीज नहीं होती। जो कि हमारे शरीर को किसी भी तरह का फायदा पहुंचाए। हम सभी जानते हैं कि कोल्ड ड्रिंक पीने से मोटापा और चर्बी बहुत तेजी से बढ़ती है। लेकिन इससे बढ़ने वाले मोटापे की खास बात यह है कि शरीर में यह अनचाही जगहों पर ज्यादा इकट्ठा होता है। हाल ही में की गई एक स्टडी के अनुसार यह पता चला है कि जो लोग ज्यादा कोल्ड ड्रिंक पीते हैं। वह कोल्ड्रिंक्स में पाए जाने वाले एसिड की वजह से उम्र से पहले ही बूढ़े हो जाते हैं। दिखने में भी अपनी उम्र से पाँच या सात साल बड़े दिखाई देते हैं।
चटनी अचार और नमकीन
रोजाना खाए जाने वाले भोजन के साथ चटनी आचार और नमकीन होने पर खाने का स्वाद बहुत अधिक बढ़ जाता है। लेकिन इसमें अचार एक ऐसी चीज होती है। जिसका सेवन जिसका सेवन संतुलित मात्रा में ही करना बहुत जरूरी होता है। क्योंकि अचार वैसे तो हमारी सेहत को लिए फायदेमंद होता है। लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन करने पर यह हमारे स्वास्थ्य के लिए घातक भी सिद्ध हो सकता है। ज्यादातर अचार बनाने में बहुत ज्यादा मसाले तेल और सिरके का इस्तेमाल होता है।मसाले और नमक और तेल की वजह से इसमें सोडियम की मात्रा बहुत अधिक होती है।
जो कि हमारे ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को बहुत तेजी से बढ़ाती है और क्योंकि यह स्वाद में बहुत अधिक खट्टा होता है। इसलिए ज्यादा अचार खाने वाले लोगों को अक्सर बंद नाक और गले का दर्द और त्वचा पर कई तरह की एलर्जी के साथ-साथ हाइपर एसिडिटी और शरीर में सूजन आने की समस्या भी हो सकती है। इसलिए अचार कभी कभी और कम से कम ही सेवन करना चाहिए। एक बार में ही बहुत अधिक अचार का सेवन कभी नहीं करना चाहिए।
तेल
हर तरह का भोजन या पकवान बनाने में तेल सबसे मुख्य चीज होती है। ऐसे में सवाल उठता है कि कौन सा तेल हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा है और कौन सा स्वास्थ हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। हानिकारक तेल की अगर बात की जाए। तो सोयाबीन का तेल हमारे स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक होता है। क्योंकि यह हमारे शरीर के पाचन तंत्र के बिल्कुल भी अनुकूल नहीं है। इसके अंदर फाइटोएस्ट्रोजन नाम की की मात्रा बहुत अधिक होती है। सोयाबीन का तेल या फिर सोयाबीन से बनी हुई। हर चीज का ज्यादा सेवन करने से शरीर में फाइटोएस्ट्रोजन की मात्रा तेजी से बढ़ने लगती है।
जो कि पुरुषों और महिलाओं दोनों के ही शरीर के हारमोंस पर भयंकर रूप से बुरा प्रभाव डालती है। हारमोंस में गड़बड़ी आने पर थायराइड से लेकर गुप्त रोग और महिलाओं के रीप्रोडक्टिव सिस्टम से जुड़ी हुई कई तरह की बीमारी होने के ज्यादा चांसेस होते हैं। इसलिए खाना बनाने के लिए सोयाबीन ऑयल की जगह सरसों और नारियल या फिर एक्स्ट्रा वर्जिन ओलिव ऑयल का इस्तेमाल करें।
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अंडे
जब भी सेहत बनाने या सेहतमंद रहने की बात आती है। तो सबसे पहले रोजाना अंडे खाने की सलाह दी जाती है। एक ऐसा व्यक्ति रोजाना कसरत या वर्कआउट करता हो या जिसकी रोजाना जिंदगी से बहुत ज्यादा शारीरिक मेहनत करने वाले कार्य जुड़े हो। केवल ऐसे लोगों को ही अंडे खाने से नुकसान नहीं होता है। हालांकि अंडे खाने के बहुत अधिक फायदे हैं। लेकिन पूरा अंडा खाने से शरीर के अंदर कोलेस्ट्रॉल भी बहुत तेजी से बढ़ना लगता है। जो लोग रोजाना अंडा खाते हैं उनके शरीर में अंडे ना खाने वाले लोगों के मुकाबले कोलेस्ट्रॉल की मात्रा अधिक होती है।
हाई कोलेस्ट्रॉल हमारे दिल के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक होता है। इसके अलावा कई लोग अंडों को कच्चा भी खा जाते हैं। दूध,अंडा,मांस इस तरह की चीजें जो कि हमें किसी जानवर के जरिए मिलती हो। उन्हें खाने से पहले पकाना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। क्योंकि इस तरह की चीजों को कच्चा खाने से सालमोनेला पॉइजनिंग होने के बहुत अधिक चांसेस होते हैं। जिसमें की उल्टी दस्त होने के साथ-साथ भयंकर रूप से पेट खराब और असहनीय पेट दर्द होने का खतरा रहता है। इसलिए अंडों को कच्चा कभी न खाएं और पका कर खाने पर भी यह निश्चित जरूर कर ले कि अंडे अच्छे क्वालिटी के ही हो।
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पॉपकॉर्न
इसके अलावा पॉपकॉर्न जल्दी से बन जाने वाली एक ऐसी चीज है। जिसके हल्के वजन होने के कारण अक्सर लोगों को यह लगता है कि हमारी सेहत के लिए बहुत बिल्कुल भी हानिकारक नहीं हो सकते। लेकिन केवल घर पर बनाए जाने वाले पॉपकॉर्न को छोड़कर बाजार में मिलने वाले हर तरह के पॉपकॉर्न। चाहे वह बने बनाए हो या पैकेट में आने वाले ready to eat हो। पॉपकॉर्न हमारी सेहत के लिए बहुत ज्यादा नुकसानदायक होते हैं। क्योंकि इनके अंदर नमक चीनी तेल और आर्टिफिशियल कलर की मात्रा बहुत अधिक होती है। जो कि हमारे शरीर में बहुत अधिक चर्बी पैदा कर देती है और बहुत ज्यादा पॉपकॉर्न खाने से हृदय संबंधित रोग होने के चांसेस भी होते हैं। इसलिए कोशिश करें कि बाहर मिलने वाले पॉपकॉर्न कम से कम खाएं।
आर्टिफिशियल कलर के इस्तमाल से बनी चीजे
इसके अलावा ऐसी खाई जाने वाली चीजे जिसमें आर्टिफिशियल कलर का इस्तेमाल किया गया हो। वह भी हमारे शरीर के लिए खतरनाक सिद्ध हो सकती है। खाए जाने वाली चीजों को देखने में सुंदर और स्वादिष्ट बनाने के लिए आजकल फूड कलर का इस्तेमाल बहुत अधिक बढ़ता जा रहा है। बाजार में मिलने वाली ज्यादातर मीठी चीज जैसे कि केक,आइसक्रीम और पैकिंग में मिलने वाले जूस और ड्रिंक्स,बर्फ का गोला और तरह-तरह की टॉफी और चॉकलेट में आर्टिफिशियल कलर या डाई का इस्तेमाल होता है। मीठे के अलावा पैकिंग में मिलने वाले नमकीन स्नेक और मसालों में भी आर्टिफिशियल डाई और कलर का इस्तेमाल इन्हें ज्यादा समय तक अच्छा और ताजा दिखाने के लिए किया जाता है।
आर्टिफिशियल कलर किसी भी तरह से इंसान के पेट में जाने के लिए बिल्कुल भी नहीं बने होते हैं। ना ही सिर्फ पैकेट पर नेचुरल फूल कलर लिखा होने से इनके पूरी तरीके तरीके से प्राकृतिक होने की कोई गारंटी होती है। अलग-अलग कलर को बनाने के लिए अलग-अलग केमिकल का इस्तेमाल होता है। इसलिए हर एक कलर हमारी सेहत और दिमाग पर अलग-अलग असर होता है। नीले कलर का हमारे दिमाग पर बुरा असर डालता है। लाल डाय हमारे खून को शुद्ध करने के साथ-साथ थायराइड के फंक्शन को भी खराब करता है। इसके अलावा पीला कलर अस्थमा को बढ़ावा देने के साथ-साथ सूंघने की शक्ति को भी कमजोर कर सकता है।
आर्टिफिशियल कलर का एक पूरी तरह से सेहतमंद शरीर पर इतना असर नहीं करता। लेकिन बच्चों पर इसका बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए कोशिश करें कि कलर वाली चीजों का कम से कम ही इस्तेमाल करें। आज की इस पोस्ट में बताई गई सारी ही चीजें वैसे तो बहुत आम है। लेकिन फिर भी अगर हम चाहे तो सोए थोड़ी सी सावधानी बरतकर। इनका इस्तेमाल करना कम कर सकते हैं। अगर इस तरह की चीजों का सेवन पूरी तरीके से ही बंद कर दिया जाए। तो हर व्यक्ति अपने शरीर को कई खतरनाक बीमारियों से बहुत ही आसानी से दूर कर सकता है।
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