ये चीजे खाने से आपका पिम्पल जड़ से खत्म हो जाएगा 

दोस्तों जैसा कि मैंने आपको पहले भी बताया है कि पिम्पल एक ऐसी प्रॉब्लम है। जिसे जड़ से खत्म करने के लिए बाहर के साथ-साथ शरीर के अंदर से भी उसका इलाज करना बहुत जरूरी होता है। आज की इस पूरी पोस्ट में हम ऐसी खाने की चीजों के बारे में जानेंगे कि जिसे आप अपने खाने में शामिल करते हैं। तो वे शरीर के अंदर से पिम्पल को खत्म करने में आपकी बहुत ज्यादा मदद करेंगी।  लेकिन समस्या है यह है कि ज्यादातर लोग क्रीम और दवाइयों पर ज्यादा भरोसा करते हैं। यहां आपके लिए समझने वाली बात यह है कि दवा और करीम से कुछ हद तक तो पिम्पले की समस्या को खत्म किया जा सकता है।

लेकिन इसे तब तक जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता। जब तक कि खानपान में बदलाव ना कर लिया जाए।क्योंकि हमारे द्वारा खाए गई कोई भी खाने की चीजों में पाए जाने वाले पोषक तत्व छोटी आंत से होकर खून में पहुंचता है और फिर खून के जरिए वह हमारे पूरे शरीर में फैल जाता है। इसलिए खाने में मौजूद अच्छी और बुरी दोनों चीजों का असर हमारी त्वचा,बालों बालों और हेल्थ पर साफ-साफ दिखाई पड़ने लगता है। वैसे तो पिम्पल होने और लगातार बढ़ते रहने के कई कारण हैं। जैसा की हमने हमारी पिछली पोस्ट में उन 20 गलतियों के बारे में बताया था। जिनकी वजह से पिम्पल बद से बदतर हो जाते है। अगर आपने वो पोस्ट नहीं पढ़ी तो आप निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करे उसे पढ़ सकते है।

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 पिम्पल के बढ़ते रहने के पाँच बड़े कारण 

  • कमजोर पाचन
  •  शरीर में ज्यादा मात्रा में गर्मी का पैदा होना 
  • ऑइली स्किन 
  • बैक्टीरियल इनफेक्शन 
  • हार्मोन में असंतुलन

 दोस्तों इन पांचों कारणों को बैलेंस करने के लिए हमें कुछ चीजों को अपने खाने में शामिल करना होता है।और कुछ चीजों से परहेज करना होता है। आज की इस पोस्ट में हम आपको साथ ऐसी खाने की चीजों के बारे में बताएंगे जो कि शरीर के अंदर से पिम्पल  को खत्म करने में बहुत मदद करती है।  अगर आप इन सातों चीजों को अपने खाने में ठीक तरह से शामिल करते हैं। तो यह आपके पाचन को ठीक करता है। चेहरे पर बहुत ज्यादा आने वाले आयल , पिम्पल पैदा करने वाले बैक्टीरिया, चेहरे की रंगत और पिंपल्स की वजह से खराब  हुई त्वचा को ठीक करने में भी बहुत मदद करता है। 

ये चीजे खाने से आपका पिम्पल जड़ से खत्म हो जाएगा 

1. प्रोबायोटिक्स 

बेसिकली प्रोबायोटिक्स उस खाने की चीजों को कहा जाता है। जिसमें अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा बहुत ज्यादा पाई जाती है। लेकिन यहां सवाल यह उठता है कि आखिर पिम्पल वाले लोगों को प्रोबायोटिक्स लेना क्यों जरूरी होता है। दोस्तों जब भी हमारे शरीर में बुरे बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ती है।  तो इसका असर सबसे पहले हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम यानी कि पाचन तंत्र पर साफ-साफ दिखाई देने लगता है।  पाचन क्रिया बहुत धीमी पड़ जाती है। जिसकी वजह से यह हमारे शरीर के हार्मोन को भी डिस्टर्ब करता है। जिससे पिम्पल की प्रॉब्लम भी बढ़ने लगती है। जबकि प्रोबायोटिक का ठीक से इस्तेमाल करने से यह हमारे पेट में मौजूद बुरे बैक्टीरिया को खत्म करके अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा को बढ़ाता है।  जिससे पाचन प्रक्रिया में काफी हद तक सुधार आता है।

प्रोबायोटिक का सबसे अच्छा सोर्स है एप्पल साइडर विनेगर (Apple Cider Vinegar ) यानी कि सेब का सिरका वैसे तो आप किसी भी कंपनी का एप्पल साइडर विनेगर (Apple Cider Vinegar ) इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान रखे एप्पल साइडर विनेगर (Apple Cider Vinegar ) अनफ़िल्टर्ड (unfiltered )unorganic और विद मदर प्रॉपर्टीज(with mother properties ) के  साथ आता हो।   इस तरह के एप्पल साइडर विनेगर (Apple Cider Vinegar ) की पहचान है कि उसमें लिक्विड के साथ-साथ छोटे-छोटे पार्टिकल्स भी होते हैं। जो कि बोतल  को हिलाने पर लिक्विड के साथ तैरते  हुए साफ दिखाई देते हैं। बाजार में एप्पल साइडर विनेगर (Apple Cider Vinegar )बनाने वाली बहुत सारी कम्पनी मौजूद है आप किसी भी कम्पनी का एप्पल साइडर विनेगर (Apple Cider Vinegar ) इस्तमाल कर सकते है। 


एप्पल साइडर विनेगर (Apple Cider Vinegar ) कैसे इस्तमाल करे?


आपको एप्पल साइडर विनेगर (Apple Cider Vinegar  का इस्तेमाल सुबह कुछ भी खाने से पहले  करना है। एक छोटा चम्मच एप्पल साइडर विनेगर (Apple Cider Vinegar )एक ग्लास हल्के गर्म पानी के साथ लेना चाहिए। याद रखें कि आपको एक बार में एक चम्मच से ज्यादा एप्पल साइडर विनेगर (Apple Cider Vinegar ) का इस्तेमाल करने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है ,क्योंकि इसमें एसिडिक प्रॉपर्टी बहुत ज्यादा पाई जाती है। इसलिए इसका बहुत ज्यादा में मात्रा में इस्तेमाल करने से यह पेट में एसिड की मात्रा बढ़ा देता है। 

2. विटामिन ए 

दोस्तों जिन लोगों को पिंपल्स की समस्या होती है। उनके शरीर में अक्सर ही विटामिन ए की कमी पाई जाती है। इसलिए खासकर विटामिन ए पिंपल्स वाले लोगों के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है। क्योंकि यह पिंपल्स की वजह से खराब हुई त्वचा को ठीक करता है,जख्मो और धब्बों को भरने में बहुत ज्यादा मदद करता है। एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट होने की वजह से यह फ्री रेडिकल डैमेज से हमारे बॉडी से सेल्स को बचाता है। साथ ही साथ विटामिन ए त्वचा में ऑयल के प्रोडक्शन को भी काफी हद तक कंट्रोल करता है। यानी कि नियंत्रित करता है।

विटामिन ए की कमी को पूरा करने के लिए आपको कोई भी सप्लीमेंट लेने की जरूरत नहीं है। क्योंकि खाने की चीजों के जरिए ही इसकी कमी को काफी हद तक पूरा किया जा सकता है। शकरकंद गाजर पालक और ब्रोकली विटामिन ए के अच्छे स्त्रोत है। लेकिन शकरकंद और गाजर सबसे बेहतर विकल्प है। क्योंकि इसमें दूसरी चीजों के मुकाबले ज्यादा मात्रा में विटामिन ए पाया जाता है। इसलिए दिन भर में एक से दो गाजर या शकरकंद का सेवन जरूर करें। अगर फिर भी आप विटामिन ए के सप्लीमेंट का इस्तेमाल करना चाहते हैं। तो उससे पहले एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें। क्योंकि विटामिन ए के ओवरडोज से नुकसान होने के चांसेस बहुत ज्यादा रहते हैं।  

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3.ओमेगा 3 फैटी एसिड 

दोस्तों सिर्फ पिंपल वाले लोग ही नहीं बल्कि उसके अलावा भी बहुत सारे लोगों में ओमेगा-3 की कमी पाई जाती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ज्यादातर लोगों को इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं होता है कि omega-3 होता क्या है। omega-3 की कमी को किन चीजों के जरिए पूरा किया जा सकता है। शायद आपने omega-3 और omega-6  के बारे में पहले ही भी सुना होगा वैसे तो यह दोनों ही हमारे शरीर और दिमाग को ठीक तरह से काम करने के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी होते  है। लेकिन शरीर में इस के संतुलन को बनाए रखने के लिए हमारे लिए omega-3  और omega-6  के अनुपात को समझना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। 

ताकि हम यह समझ सके कि हमारे दिन भर में कितना omega-6 और कितना omega-3 लेना चाहिए। दुर्भाग्यपूर्ण आज हम जिस तरह का खाना खाते हैं उसमें omega-6 की मात्रा तो बहुत ज्यादा होती है। लेकिन omega-3 ना के बराबर पाया जाता है। जबकि स्वस्थ त्वचा और स्वस्थ शरीर के लिए 1:1 का अनुपात में omega-3  होना चाहिए। यानी कि एक omega-6 के बदले शरीर में एक omega-3  भी होना चाहिए।  अगर कोई इस अनुपात को मेंटेन नहीं कर पाता है तो चार omega-6 के बदले कम से कम एक omega-3 जरूर शरीर में होना ही चाहिए। लेकिन खाने में ज्यादा तेल,फास्ट फूड,चर्बी वाले गोश्त  होने की वजह से शरीर में omega-6 की मात्रा जरूरत से ज्यादा ही बढ़ जाती है और लगभग पंद्रह omega-6 के बदले एक omega-3  भी शरीर में मुश्किल से ही मेंटेन हो पाता है। 

तब यह शरीर में इन्फ्लेमेशन यानी गर्मी पैदा करता है इसलिए ऐसा जरूरी है कि कुछ ओमेगा-3 से  भरपूर भोजन को भी अपनी डाइट में शामिल किया जाए। ताकि शरीर में omega-3 और omega-6 के अनुपात को बैलेंस किया जा सके। क्योंकि omega-3  में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टी पाई जाती है। जो कि शरीर में omega-6 की वजह से बड़े हुए इन्फ्लेमेशन को कम करता है। जबकि चेहरे पर आने वाले ऑयल को भी नियंत्रित करने में बहुत ज्यादा मदद करता है। लेकिन अब यह सवाल उठता है कि कौन-कौन सी खाने की चीजें हैं। जिसमें ज्यादा मात्रा में omega-3  पाया जाता है। वैसे तो बहुत ही कम ऐसी चीजें हैं जिन्हें omega-3 की मात्रा को पूरा करने के लिए सही माना जाता है।इन चीजों में पहला नाम मछली का ही आता है। लेकिन इसमें यह ख्याल रखना भी जरूरी होता है कि हर मछली में omega-3  सही मात्रा में नहीं सही नहीं पाया जाता है।  omega-3  के लिए चर्बीदार मछली का होना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है। 

उनमें से कुछ मछलियों के नाम इस तरह है।  भारतीय मेकरेल,सेलमन और हेयरिंग कुछ प्रजातियों के ऐसे नाम है जिसमें omega-3  काफी मात्रा में पाया जाता है। जबकि शाकाहारी लोगों के लिए  अलसी के बीज और चिया के बीज omega-3  के सबसे अच्छे स्त्रोत माने जाते हैं। अखरोट में भी omega-3 पाया जाता है। लेकिन साथ ही साथ omega-6 की मात्रा भी इसमें काफी ज्यादा होती है। इसलिए यह पिम्पल वाले लोगों के लिए उतना अच्छा omega-3  का स्त्रोत नहीं माना जाता है। यहां दूसरा ऑप्शन यह है कि अगर आप खाने की चीजों से भी omega-3  नहीं ले पाते हैं। तो इसे सप्लीमेंट के जरिए भी आसानी से पूरा किया जा सकता है। जो कि  मांसाहारी लोगों के लिए फिश ऑयल और शाकाहारी लोगों के लिए फ्लैक्सीड ऑयल के  के नाम से  ऑनलाइन आसानी से मिल जाते हैं। 

 4.जिंक 

दोस्तों जिंक को पिम्पल किलर भी कहा जाता है। यह एक ऐसा पावरफुल मिनरल होता है। जो कि त्वचा की एलर्जी ,बहुत ज्यादा बढ़े हुए पिम्पल्स को भी ठीक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि यह शरीर की गर्मी को कम करता है। जिसकी वजह से पिम्पल अपने आप सुखकर खत्म होने लगते हैं। बहुत ज्यादा बढ़े हुए पिंपल्स को ठीक करने के लिए भी जिंक का इस्तेमाल किया जाता है। क्योंकि यह बढ़ती हुई गर्मी को कम करता है।

जिंक खासकर पिंपल्स को पैदा करने वाले बैक्टीरिया और पिम्पल्स को अंदर ही अंदर फैलाने वाले बैक्टीरिया को खत्म करने में भी बहुत ज्यादा मदद करता है। जिससे कि कुछ ही दिनों में पिम्पल खुद ही खुद सूख कर खत्म होने लगते हैं। जिंक पिम्पल  को अंदर से खत्म करने में इतनी अच्छी तरह से काम करता है कि इसे इस्तेमाल करने के बाद यह पिम्पल की वजह से होने वाले दर्द और जलन से राहत दिलाता  है। साथ ही साथ अगर आपको कोई त्वचा से जुड़ी कोई दूसरी बीमारी है तो यह उसे भी काफी हद तक ठीक करने में मदद करता है।

लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जिंक की कमी को किस तरह से पूरा किया जा सकता है। जिंक की कमी को पूरा करने के लिए हमारे पास दो विकल्प है। नंबर एक खाने की चीजों से नंबर दो सप्लीमेंट्स के जरिए।  अगर आपके चेहरे पर बहुत ही कम और छोटे-छोटे पिंपल से हैं तो आप जिंक से भरपूर भोजन को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए।   वैसे कहने को तो बहुत ही खाने की चीजें हैं। जिसमें जिंक बहुत मात्रा में पाया जाता है। जैसे कि काजू,बादाम,मूंगफली दूध मीट और सोया प्रोडक्ट लेकिन यहां सबसे बड़ी समस्या यह है कि इस भोजन में जिंक की मात्रा बहुत कम होती है।

ऐसे दूसरे न्यूट्रिएंट्स ज्यादा पाए जाते हैं। जो कि पिम्पल्स वाले लोगों के लिए सूटेबल नहीं होते। इसलिए इन चीजों का सेवन करना पिम्पल्स  वाले लोगों के लिए एक बेहतर यानी अच्छा विकल्प नहीं है। हालाँकि  पंपकिन सीड यानी  कद्दू के बीजों का सेवन किया जा सो जा सकता है। क्योंकि इसमें दूसरे खानों के मुकाबले जिंक तो ज्यादा मात्रा में होता ही है। साथ ही साथ इसका इस्तेमाल पिम्पल्स  वाले लोग भी आसानी से करते हैं। एक छोटा चम्मच कच्चा या रोस्ट किया हुआ कद्दू के बीजों का इस्तेमाल खाना खाने के बाद किया जा सकता है।

यह आपको ऑनलाइन भी आसानी से मिल जाएगा। लेकिन अगर आपके चेहरे पर पिम्पल्स का साइज ज्यादा बड़ा  है और दर्द करने वाले पिम्पल्स होते हैं। तो आपके लिए कद्दू के बीज का सेवन करना काफी नहीं है। इसलिए बेहतर होगा कि आप जिंक सप्लीमेंट का इस्तेमाल करें। आपको जिंक सप्पलीमेंट का इस्तमाल डॉक्टर की सलाह के बाद ही करना चाहिए।  जिंक का  इस्तेमाल करते वक़्त आप  फिलहाल इन बातो  का ख्याल रखें। ऐसे लोग जो पहले से ही किसी बीमारी की दवा खा रहे हैं और गर्भवती महिला जिनके सप्लीमेंट का इस्तेमाल बिना डॉक्टर की सलाह के ना करें। 

 5.एंटीऑक्सीडेंट

यह बात तो आप में से बहुत से लोग जानते होंगे कि एंटीऑक्सीडेंट स्वस्थ शरीर और स्वस्थ त्वचा के लिए बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है। यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को काफी हद तक हद तक स्लो कर देता है। जिससे कि चेहरे पर झुरिया नहीं आती और बाल भी जल्दी सफेद नहीं होते है। 1एक लफ्जों में कहा जाए तो एंटीऑक्सीडेंट आपको जल्दी बूढ़ा होने से बचाता है। जबकि जिनके शरीर में एंटीऑक्सीडेंट की कमी रहती है। फ्री रेडिकल ज्यादा उत्पन्न या प्रोड्यूस पैदा होते रहते हैं।

तो यह लगातार हमारे बॉडी सेल्स के साथ रिएक्शन करके उसे डैमेज करने लगते हैं। अगर यही वजह है कि कुछ लोग कम उम्र में भी ज्यादा उम्र के दिखने लगते हैं। जिनके शरीर में एंटीऑक्सीडेंट सही मात्रा में मौजूद होता है। तो फ्री रेडिकल डैमेज से हमारे बॉडी सेल्स खत्म होने से बच जाते हैं। यही वजह है कि जो लोग अपनी डाइट में सही मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट का इस्तेमाल करते हैं। उनकी उम्र ज्यादा होने के बावजूद भी वह कम उम्र के दिखाई देते हैं। ब्लूबेरी,ब्लैकबेरी,गाजर ,सेब संतरा,काले अंगूर ,ब्रोकली,पपीता,चुकंदर,जैतून,स्ट्रौबरी टमाटर,अनार और पालक एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत है। आप इनमें से कुछ चीजों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

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6.हाई फाइबर भोजन

दोस्तों जिस खाने में फाइबर की कमी होती है। वह ब्लडशुगर लेवल को तो बढ़ाता ही है। साथ ही साथ हमारे नसों की दीवार पर भी चिपकता है। जिसकी वजह से  कब्ज पैदा होता है। जब भी हमारा पेट ठीक तरह से साफ नहीं होता। तो यह भी इनडायरेक्टली पिपंल्स  को बढ़ाने का काम करता है।  इसलिए जरूरी है कि आप फाइबर से भरपूर भोजन को भी अपने खाने में जरूर शामिल करें। बेसिकली रेशेदार चीजों को हाई फाइबर फूड के नाम से जाना जाता है। जैसे कि गाजर,ब्रोकली,पालक,टमाटर,भिंडी,फूलगोभी जैसी चीजों में काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है। सेब अमरूद,अमरूद ,अंजीर,ब्राउन राइस और मोटा पिसे हुए गेहूं के आटे की रोटी में भी ठीक-ठाक मात्रा में फाइबर पाया जाता है। 

हमे अपने भोजन में फाइबर की कमी को पूरा करना चाहिए।  जिससे की आपको कब्ज की समस्या ना हो और साथ ही साथ यह भी ख्याल रखना जरूरी है कि मांस और सफेद चावल के अंदर बिल्कुल भी फाइबर नहीं होता है। इसलिए आप जब भी मांसाहारी खाना खाए तो साथ में कुछ सब्जियां सलाद भी शामिल जरूर करें। ताकि फाइबर की कमी को पूरा किया जा सके और साथ ही साथ दिन भर में ढाई से 3 लीटर पानी पीने का भी ख्यालजरूर रखें। क्योंकि पानी शरीर में बनने वाले टॉक्सिन को रिमूव करता है और हमारे शरीर के अलग-अलग अंगों को ठीक तरह से काम करने में बहुत ज्यादा मदद करता है। 


इस पोस्ट में आपने जाना कि पिम्पल की समस्या में हमें कौन-कौन सी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए , पिम्पल के बढ़ते रहने के पाँच बड़े कारण ,ये चीजे खाने से आपका पिम्पल जड़ से खत्म हो जाएगा ,हाई फाइबर भोजन , एंटीऑक्सीडेंट जिंक ,ओमेगा 3 फैटी एसिड , विटामिन ए  , प्रोबायोटिक्स  के बारे में जानकारी प्राप्त की। । लेकिन इतना ही काफी नहीं है।लेकिन यह पोस्ट पिम्पल की समस्या से निजात दिलाने में आपकी काफी हद तक मदद करेगा। अगर आपको पिम्पल्स की समस्या है तो आप इन सातों भोजन को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।  आपको कुछ ही दिनों में अपने चेहरे पर फर्क दिखना शुरू हो जाएगा और आपके पिम्पले धीरे -धीरे खत्म होना शुरू हो जाएंगे। 


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