दोस्तों वैसे तो ज्यादातर लोग दूध का इस्तेमाल हुआ उबालकर ही करते हैं। लेकिन कुछ लोग ऐसा भी मानते हैं कि दूध को उबालने के बाद उसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व काफी हद तक नष्ट हो जाते हैं। इसलिए तब उनके मन में यह सवाल उठता है कि दूध को कच्चा या फिर उबाल कर पीना चाहिए। कुछ दिन पहले हमने दूध के बारे में एक और पोस्ट लिखी थी। जिसमें मैंने बताया था कि दूध कब कैसे और कितनी मात्रा में पीना चाहिए। उसे पोस्ट के कमेंट में बहुत से लोगों का यह सवाल था कि कच्चे और दूध उबले हुए दूध में कौन सा दूध शरीर के लिए ज्यादा फायदेमंद होता है। तो मैंने सोचा कि मुझे इसके बारे में एक पोस्ट लिखनी चाहिए। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को सही जानकारी मिल सके।
Raw Milk vs Boiled Milk
दोस्तों सबसे पहले समझने वाली बात यह है कि दूध का इस्तेमाल लोग दो तरीके से करते हैं। एक तो खाने के रूप में और दूसरा चेहरे पर लगाने के रूप में। इसलिए हम पहले यह जानेंगे कि कच्चे और उबले हुए दूध में कौन सा दूध ज्यादा फायदेमंद होता है। उसके बाद हम यह जानेंगे कि चेहरे पर इनमें से कौन से दूध का इस्तेमाल करना चाहिए। दोस्तों पीने के लिए कौन सा दूध अच्छा होता है। इसे समझने के लिए हमारे लिए इन बातों का समझना बहुत जरूरी होता है। कच्चे दूध में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं।दूध को उबालने के बाद उस में पाए जाने वाले पोषक तत्व की मात्रा घटती है या फिर बढ़ती है।
कच्चे और उबले हुए दूध में हमें कौन सा दूध हमारे शरीर में ठीक तरह से पच पाता है। क्योंकि अच्छी से अच्छी चीज शरीर में जब तक ठीक से पचती नहीं है। तो उसका फायदा हमारे शरीर को मिल ही नहीं पाता है। इसलिए शुरू करते हैं। कच्चे दूध में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं।
कच्चे दूध में कौन-कौन से पोषक तत्व पाए जाते हैं
एक कप मतलब कि 244 ग्राम गाय के कच्चे दूध में 150 कैलोरी होती हैं। कच्चे दूध में 8 ग्राम प्रोटीन 8 ग्राम फैट और लगभग 12 ग्राम कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है। इसमें कैल्शियम विटामिन B2 और B12 की भी अच्छी मात्रा होती है और थोड़ी मात्रा में विटामिनA, विटामिन D और विटामिनK भी मौजूद होता है। लेकिन इन सब चीजों के अलावा दूध में सबसे ज्यादा लगभग 88% पानी की मात्रा होती है। जैसा कि हमने पहले ही जाना कि कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि दूध को गर्म करने के बाद उस में पाए जाने वाले पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। जो कि कुछ हद तक तो सही है। लेकिन पूरी तरह से बिल्कुल भी सही नहीं है। क्योंकि जब दूध को गर्म किया जाता है तो इसमें मौजूद फैट,कार्बोहाइड्रेट्स,कैल्शियम मैं कोई बदलाव नहीं आता।
लेकिन कुछ वॉटर सॉल्युबल विटामिंस जैसे B2,B12 की मात्रा कम हो जाती है और 1 से 4% प्रोटीन भी नष्ट हो जाता है। लेकिन यह इतनी थोड़ी मात्रा में नष्ट होते हैं कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन फिर भी ये बात समझ में आती है कि थोड़ा ही सही लेकिन कच्चा दूध उबले हुए दूध के मुकाबले में पोषक तत्व को के मामले में ज्यादा बेहतर होता है। लेकिन अब यहां से यह सवाल उठता है कि जब कच्चे दूध में उबले हुए दूध के मुकाबले ज्यादा पोषक तत्व होते हैं। तो क्यों ना दूध को उबालने की बजाय इसे कच्चा ही इस्तेमाल किया जाए। जिससे कि हमें इससे ज्यादा फायदा भी मिले और साथ ही साथ समय की भी बचत हो। लेकिन यहां हमारे लिए समझने वाली बात यह है कि कुछ कच्चा दूध उबले हुए दूध के मुकाबले बेहतर तो होता है।
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लेकिन यह एनिमल प्रोडक्ट होने की वजह से जैसे ही दूध को जानवर से बाहर निकालते हैं। उसके तुरंत बाद इसमें जानवर हवा और दूध निकालने वाले बर्तन और दूध निकालने वाले व्यक्ति के हाथों के जरिए। बैक्टीरिया दूध में प्रवेश कर जाते हैं। तब बैक्टीरिया को मारने के लिए दूध को गर्म करना बहुत जरूरी हो जाता है। ताकि शरीर को कोई नुकसान ना हो। लेकिन जब कोई कच्चा दूध पीता है। तो साथ ही साथ उसमें मौजूद बैक्टीरिया भी शरीर के अंदर प्रवेश कर जाते हैं। तब अगर व्यक्ति का इम्यून सिस्टम मजबूत रहता है। तो वह शरीर के अंदर ही बैक्टीरिया को मार देता है। लेकिन जब कभी कुछ बैक्टीरिया पेट में नहीं मार पाता। तो वह आंतो की दीवार पर चिपक कर मल्टिप्लाई होने लगता है। शरीर के अंदर ही बढ़ने लगता है।तब व्यक्ति इंफेक्शन,पेट दर्द,अपचन,उल्टी दस्त और बुखार जैसी बीमारी का शिकार हो जाता है।
इतना ही नहीं लंबे समय तक कच्चे दूध का इस्तेमाल करते रहने से शरीर में बैक्टीरिया की मात्रा इतनी ज्यादा बढ़ जाती है। कभी-कभी व्यक्ति गंभीर बीमारी का भी शिकार हो जाता है। खासकर बुड्ढे,बच्चे,प्रेग्नेंट औरतों को कच्चे दूध का सेवन कभी भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि इन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। जिसकी वजह से शरीर में बैक्टीरिया बढ़ने के चांसेस बहुत ज्यादा हो जाते हैं। अब कुछ लोग यह भी कहेंगे कि मैं तो कच्चे दूध का इस्तेमाल करता हूं। लेकिन मुझे तो कुछ नहीं होता तो ऐसे लोगों के लिए मैं यही कहना चाहूंगा कि शुरुआत में हर किसी को बैक्टीरियल इनफेक्शन नहीं होता। जिसका इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। वह कुछ दिन तक बैक्टीरिया के नुकसान से बच जाता है। लेकिन कच्चे दूध के लगातार सेवन करते रहने से जैसे-जैसे पेट में बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ती है। वैसे-वैसे शरीर को नुकसान पहुंचने के चांसेस भी बहुत हैं बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं।
इसलिए जहां तक हो सके जानबूझकर कच्चा दूध पीकर खुद को खतरे में डालना बिल्कुल भी सही नहीं है। इसलिए दूध को हमेशा उबालकर ही पीना चाहिए। आप चाहे तो एक गिलास कच्चे दूध के बदले में दो गिलास कच्चे दूध का इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन कच्चा दूध हमारे शरीर के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। यही वजह है कि ऑस्ट्रेलिया,कनाडा,डेनमार्क ,हांगकांग,इजरायल और कोरिया जैसे देशों में कच्चे दूध की भी बेचने पर बैन लगाया गया है। ताकि लोग इससे होने वाले नुकसान से बच सके।
चेहरे पर दूध का इस्तमाल कैसे करे
लेकिन जहां तक चेहरे पर लगाने वाली बात आती है। तो इसके लिए कच्चा दूध ज्यादा फायदेमंद होता है। क्योंकि कच्चे दूध में पूरी तरह से विटामिन और मिनरल मौजूद होने के साथ-साथ इसमें लैक्टिक बैक्टीरिया जैसे कुछ अच्छे बैक्टीरिया भी मौजूद होते हैं। जो कि लैक्टिक एसिड का उत्पादन करते हैं। लैक्टिक एसिड फ्रेगमेंटेशन को घटाकर त्वचा को हाइड्रेट,स्मूथ करने में मदद करता है। अगर कच्चे दूध को शहद के साथ मिलाकर चेहरे पर लगाया जाए। तो यह और भी अच्छे तरीके से काम करता है।जो बुरे बैक्टीरिया कच्चे दूध में पाए जाते हैं। वह खुद को शरीर के अंदर जिंदा रखते हैं। लेकिन वह त्वचा के ऊपर जिंदा नहीं रह सकते हैं। इसलिए तो इससे त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। तो उम्मीद है कि आपको समझ में आ गया होगा कि आपको किस दूध का किस तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए।
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