Protein आखिर होता क्या है और यह हमारे शरीर के लिए इतना जरूरी क्यों है?

दोस्तों प्रोटीन एक ऐसा मैक्रोन्यूट्रिएंट होता है। जिसकी हम में से ज्यादातर लोगों के शरीर में कमी पाई जाती है और यही वजह है कि सिर्फ हमारे देश भारत में सिर्फ 70 से 80% लोगों का शरीर किसी ना किसी तरह से प्रोटीन की कमी का शिकार हो जाता है। इसलिए यह भी संभव है कि उन लोगों में से एक आप भी हो सकते हैं। दरअसल प्रोटीन हमारे शरीर और हमारे द्वारा खाए गए खाने में मौजूद होता है। इसलिए जब हमारे शरीर को खाना खाने के जरिए सही मात्रा में प्रोटीन नहीं मिलता। तो हमारा शरीर अपने अंदर की ही मांसपेशियों को तोड़कर प्रोटीन की जरूरतों को पूरा करने की कोशिश करने लगता है। जिससे कि शरीर दुबलेपन का शिकार होने के साथ-साथ हड्डियों की कमजोरी,त्वचा में समस्या बालों का झड़ना और टूटना और फैटी लीवर की समस्या बच्चों का बहुत धीरे-धीरे विकास होना और शरीर में तेजी से चर्बी का बढ़ना। प्रोटीन की कमी के संकेत हो सकते हैं।

लेकिन यहां समस्या यह है कि कि अक्सर लोगों को पता ही नहीं होता कि प्रोटीन क्या होता है।  इसका हमारे शरीर में क्या काम होता है। जिसकी वजह से जब भी प्रोटीन का नाम आता है। तो लोगों का ध्यान सिर्फ प्रोटीन सप्लीमेंट मतलब कि  व्हे प्रोटीन की तरफ जाता है और उन्हें ऐसे लगता है कि प्रोटीन की तुझे क्या जरूरत है। इसकी जरूरत तो केवल उसे है। जो बॉडीबिल्डिंग या फिर जिम करते हैं। लेकिन ऐसा सोचना पूरी तरह से गलत है। क्योंकि प्रोटीन एक ऐसा पोषक तत्व होता है। जिसकी बच्चे बूढ़े जवान मर्द औरत और जिम करने वाले और घर में बैठे रहने वाले हर किसी को अलग-अलग मात्रा में जरूरत पड़ती है। लेकिन प्रोटीन सिर्फ सप्लीमेंट में ही नहीं बल्कि हमारे द्वारा खाए गए जाने वाली।  कई सारी चीजों में भी मौजूद होता है। यही वजह है कि इसे हर हाल में हमें अपने खानों के जरिए पूरा करना बहुत जरूरी होता है।

इसलिए आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे कि प्रोटीन होता क्या है। प्रोटीन का वजन बढ़ाने और वजन घटाने में किस तरह से मदद करता हैएक दिन में कब और कितना प्रोटीन लेना चाहिएकौन से खाने की चीजों में सबसे ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है।  प्रोटीन सप्लीमेंट मतलब वेज प्रोटीन का इस्तेमाल करना सही है या गलत। इन सभी सवालों के जवाब हम इस पोस्ट में जानने की कोशिश करेंगे। शुरू करते हैं।

प्रोटीन आखिर होता क्या है 

दोस्तों हम जो भी खाते हैं उसमें दो तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। मतलब कि दो तरह के न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं। माइक्रोन्यूट्रिएंट्स और मैक्रोन्यूट्रिएंट्स। माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की श्रेणी में विटामिंस और मिनरल्स आते हैं। जिसकी हमारे शरीर को कम मात्रा में जरूरत पड़ती है। जबकि मैक्रोन्यूट्रिएंट्स की श्रेणी में कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन और फैट आते हैं। जिसकी हमारे शरीर को ज्यादा मात्रा में जरूरत पड़ती है। लेकिन हम इस पोस्ट में कार्बोहाइड्रेट और फैट के बारे में  नहीं बल्कि प्रोटीन के बारे में बात करने वाले हैं। इसलिए कार्बोहाइड्रेट और फैट के बारे में हम फिर कभी जानने की कोशिश करेंगे। दोस्तों प्रोटीन हमारे शरीर में जाने के बाद अमीनो एसिड में टूटता है और हमारे शरीर को ठीक तरह से काम करने के लिए 20 तरह के अमीनो एसिड की जरूरत पड़ती है। जिसमें 11 अमीनो एसिड ऐसे होते हैं जिसे हमारा शरीर खुद ही बनाते हैं। जबकि उनमें से नौ अमीनो एसिड होते हैं।

जो कि एसेंशियल होते हैं और इसलिए इसे खाने की चीजों के जरिए पूरा करना बहुत जरूरी होता है।  क्योंकि हर अमीनो एसिड का हमारे शरीर में अलग-अलग काम होता है। लेकिन यहां जब समझने हमारे लिए समझने वाली बात यह है कि हमारे देश भारत में लोग घर में और बाहर बाहर जिस तरह का खाना खाते हैं। उसमें कार्बोहाइड्रेट और फैट तो जरूरत से ज्यादा मौजूद होता है। लेकिन प्रोटीन ना के बराबर पाया जाता है। जबकि प्रोटीन हमारे शरीर में त्वचा बाल और मसल्स के लिए बिल्डिंग ब्लॉक का काम करता है। साथ ही साथ यह शरीर में एंजाइम,हॉर्मोंस और नई टिशूज को बनाने और डैमेज हुए टिशूज को रिपेयर करने में भी बहुत ज्यादा मदद करता है। यही वजह है कि प्रोटीन वजन बढ़ाने और वजन घटाने दोनों ही सिचुएशन में बहुत ही जरूरी होता है। क्योंकि प्रोटीन ही होता है जो शरीर में गोश्त की मात्रा को बढ़ाने के साथ-साथ चर्बी को कम करने में भी बहुत मदद करता है।

एक दिन में कितना प्रोटीन खाना चाहिए।

लेकिन यहां अब यह सवाल उठता है कि आखिर पूरे दिन में हमारे शरीर को कब और कितना प्रोटीन की जरूरत पड़ती है। दोस्तों दूसरे पोषक तत्वों की तरह ही प्रोटीन की भी हमारे शरीर को जरूरत पड़ती है। इसलिए सिर्फ एक्सरसाइज के बाद या फिर रात में प्रोटीन का सेवन करना काफी नहीं है। जबकि सुबह दोपहर और एक्सरसाइज से पहले एक्सरसाइज के बाद और रात के खाने में भी प्रोटीन का होना बहुत जरूरी होता है। किसी भी व्यक्ति को दिन भर में कितना प्रोटीन खाना चाहिए वह उसके वजन और फिजिकल एक्टिविटी पर डिपेंड करता है। लेकिन एक सामान्य व्यक्ति को जो बहुत ज्यादा एक्सरसाइज या मेहनत का काम नहीं करते। उन्हें दिन भर में लगभग 1 ग्राम/kg  बॉडी वेट के हिसाब से प्रोटीन लेना बहुत जरूरी होता है।  इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति का वजन 50 किलो है तो उसे दिनभर में कम से कम 50 ग्राम प्रोटीन का सेवन जरूर करना चाहिए।

अगर कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा एक्सरसाइज या मेहनत करता है। तो ऐसे में उसके शरीर को आम लोगों के मुकाबले ज्यादा प्रोटीन की जरूरत पड़ती है। इसलिए उसे  1.5 ग्राम से 2 ग्राम/kg  केजी बॉडी वेट के हिसाब से प्रोटीन खाया जा सकता है। लेकिन शरीर में थोड़ा प्रोटीन कम या ज्यादा होने से कोई भी समस्या नहीं होती। क्योंकि इसे हमारा शरीर आसानी से मैनेज कर लेता है।

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किस खाने में सबसे ज्यादा और सबसे अच्छा प्रोटीन पाया जाता है 

दोस्तों प्रोटीन की कमी को वेजीटेरियन खाने और नॉन वेजिटेरियन खाने दोनों तरीके से पूरा किया जा सकता है। लेकिन जैसा कि हमने पहले ही जाना कि प्रोटीन हमारे शरीर में जाने के बाद अमीनो एसिड में टूटता है और 9 अमीनो एसिड ऐसे होते हैं।  जो हमारे शरीर में खुद नहीं बनते। इसलिए ऐसी प्रोटीन वाली चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए। जिसमें पूरे 9 अमीनो एसिड पाए जाए। इसलिए इस तरह के प्रोटीन को कंप्लीट प्रोटीन भी कहा जाता है। पहले हम बात करते हैं वेजीटेरियन फूड के बारे में और उसके बाद बात करते हैं हम नॉन वेजिटेरियन भोजन और सप्लीमेंट मतलब कि वे प्रोटीन के बारे में।

वेजिटेरियन प्रोटीन के स्त्रोत 

दोस्तों वेजीटेरियन भोजन में दूध,पनीर,सोयाबीन कंपलीट प्रोटीन का सोर्स है। क्योंकि इसमें पूरे  9 अमीनो एसिड मौजूद होते हैं। इसके अलावा चना,बींस,दाल और मूंगफली में प्रोटीन तो मौजूद होता है। लेकिन यह कंप्लीट नहीं होता है। क्योंकि इनमें एक अमीनो एसिड नहीं पाया जाता।  जो कि हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है। लेकिन इन सभी चीजों को चावल के साथ मिलाकर खाने से यह कंप्लीट प्रोटीन हो जाता है। क्योंकि क्योंकि दाल में जो एमिनो एसिड नहीं होता है। वह चावल में मौजूद होता है और जो अमीनो एसिड चावल में नहीं होता। वह दाल में मौजूद होता है। इसलिए दोनों को साथ में मिलाकर खाने से सभी अमीनो एसिड की पूर्ति हो जाती है.

लेकिन यहां यह भी ध्यान देना जरूरी है कि चावल प्रोटीन का सोर्स नहीं है। चावल में प्रोटीन की बहुत ही कम मात्रा पाई जाती है और साथ ही साथ वेजीटेरियन प्रोटीन सोर्स में सबसे बड़ी समस्या यह होती है कि इन में पाए जाने वाला प्रोटीन लीन प्रोटीन यानी की शुद्ध नहीं होता। जिसका मतलब है कि इसमें प्रोटीन के साथ-साथ ऐसी चीजें भी मौजूद होती है। जिसकी हमारे शरीर को ज्यादा मात्रा में बिल्कुल भी जरूरत नहीं पड़ती। उदाहरण के तौर पर कहा जाए तो सोयाबीन सबसे ज्यादा प्रोटीन होता है। यहां तक कि अंडे और चिकन से भी ज्यादा प्रोटीन सोया चंक्स में होता है। लेकिन इसमें पाए जाने वाला प्रोटीन प्योर मतलब की शुद्ध नहीं होता। क्योंकि 100 ग्राम सोया चंक्स में लगभग 52 ग्राम प्रोटीन और 33 ग्राम कार्बोहाइड्रेट मौजूद होने के साथ-साथ इसमें फाइटोएस्ट्रोजन भी काफी मात्रा में होता है।

इसलिए इस के ज्यादा इस्तेमाल से यह शरीर में ग्लाइकोजन की मात्रा को बढ़ाता है। साथ ही साथ शरीर में हार्मोन के संतुलन को भी बिगाड़ सकता है। लेकिन इसका 50 ग्राम या उससे कम मात्रा में सेवन करने में कोई बुराई नहीं है और इससे भी बेहतर यह है कि अगर आप वेजिटेरियन है. तो ऊपर बताई गई सभी चीजों में से थोड़ा-थोड़ा अपने खाने में शामिल करने की कोशिश करें। ताकि प्रोटीन की जरूरत भी पूरी हो जाए और शरीर को कोई नुकसान भी ना हो। अब बात करते नॉन वेजिटेरियन सोर्स के बारे में।

नॉन वेजिटेरियन प्रोटीन के स्त्रोत 

दोस्तों नॉन वेजिटेरियन फूड में अंडे की सफेदी,चिकन ब्रेस्ट और मछली प्रोटीन का सबसे अच्छा सोर्स माना जाता है। क्योंकि इन में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा होने के साथ-साथ हाई क्वालिटी प्रोटीन पाया जाता है। उदाहरण के लिए एक एग  वाइट में 4 ग्राम प्रोटीन और पाया जाता है। वहीं 100 ग्राम चिकन ब्रेस्ट में लगभग 31 ग्राम प्रोटीन होता है। साथ ही साथ कार्बोहाइड्रेट और फैट ना के बराबर होते हैं। जबकी मछली में लगभग 20 ग्राम प्रोटीन है। इन सभी चीजों में कार्बोहाइड्रेट और फैट बहुत कम मात्रा में पाया जाता है। अगर किसी मछली में फैट होता भी है तो वह अनसैचुरेटेड फैट होता है। जो कि हमारे शरीर के लिए फायदेमंद होता है। जैसा कि आप देख सकते हैं कि इन सभी चीजों में प्रोटीन की मात्रा बहुत ज्यादा होती है और कार्बोहाइड्रेट और फैट बहुत कम मात्रा में मौजूद होता है।

जो कि इसे प्योर और शुद्ध प्रोटीन का सोर्स बनाता है। इसलिए अगर आप चाहे तो अपने पूरे दिन के प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने के लिए इनमें से किसी एक चीज को या फिर सभी में से थोड़ा-थोड़ा अपने खाने में शामिल कर सकते हैं।

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क्या प्रोटीन सप्लीमेंट का इस्तमाल करना सही है ? 

क्या प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए प्रोटीन सप्लीमेंट लेने कि वे प्रोटीन का इस्तेमाल किया जा सकता है। तो इसका जवाब है कि आप इसका इस्तेमाल बिल्कुल कर सकते हैं। अगर आप खाने की चीजों के जरिए प्रोटीन की कमी को पूरा नहीं कर सकते। तो आपके लिए प्रोटीन सप्लीमेंट का इस्तेमाल करना एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है। क्योंकि वह प्रोटीन दूध से बनाया जाता है। इसलिए इसका इस्तेमाल वेजिटेरियन और नॉन वेजिटेरियन दोनों तरह के लोग कर सकते हैं। लेकिन जब भी प्रोटीन सप्लीमेंट इस्तेमाल करने की बात आती है। तो लोगों के मन में कई तरह के सवाल आते हैं। वह प्रोटीन बनता कैसे हैं और क्या इसे बनाने में किसी केमिकल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। किस केमिकल का इस्तमाल किया जाता है। इसके ऊपर जल्दी ही मैं एक अलग से पोस्ट लिखूंगा।

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