अखरोट कब, कितना और कैसे खाए | walnuts

दोस्तों खाने की सभी चीजों में सूखे मेवे को सबसे ज्यादा स्पेशल और हेल्दी माना जाता है। लेकिन इन सभी सूखे मेवे में अखरोट एकमात्र ऐसी चीज है। जिसमें  सबसे टॉप क्वालिटी का एंटीऑक्सीडेंट और ओमेगा 3 फैटी एसिड काफी मात्रा में पाया जाता है। इसकी यही क्वालिटी अखरोट को सभी ड्राई फ्रूट्स से अलग और यूनिक बनाती है। लेकिन फिर भी किसी चीज को इस्तेमाल में लाने से पहले उसके फायदे और नुकसान का पता होने के साथ-साथ उसके खाने का सही समय और सही तरीका भी पता होना बहुत जरूरी होता है।

 

आखिर ऐसा क्या है जो अखरोट को इतना खास बनाता है। एक छिले हुए अखरोट में 4% पानी,7% फाइबर और 14% कार्बोहाइड्रेट 15% प्रोटीन और सबसे ज्यादा लगभग 65% फैट होता है। जो कि इसे एक सुपर फूड की श्रेणी में जगह दिलाता है। इसलिए इसे वजन बढ़ाने और वजन घटाने में दोनों तरह की डाइट में शामिल किया जा सकता है। लेकिन इसे गलत मात्रा में और गलत तरीके से इस्तेमाल करने से इससे मिलने वाले फायदे नुकसान में भी बदल सकते हैं। इसलिए अखरोट की सही मात्रा इसके खाने का सही समय और इसे किस तरह से खाने से क्या-क्या फायदे और क्या-क्या नुकसान होते हैं इस बारे में पहले जानकारी होना बहुत जरूरी होता है।

 

इसलिए आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे की एक दिन में कम से कम और ज्यादा से ज्यादा कितने अखरोट खाया जा सकता हैकिस तरह का अखरोट सबसे अच्छा होता हैअखरोट को हमें सूखा या फिर भिगोकर खाना चाहिएअखरोट खाने का सही समय क्या हैकिन लोगों को अखरोट खाना चाहिए और किन लोगों को अखरोट नहीं खाना चाहिए। खासकर जिनके चेहरे पर पिंपल की प्रॉब्लम होती है उन्हें अखरोट का इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं करना चाहिएवजन बढ़ाने और वजन घटाने के लिए लोगों को अखरोट को अपने डाइट में किस तरह का शामिल करना चाहिए

अखरोट खाने के फायदे

त्वचा के लिए फायदेमंद

दोस्तों अखरोट में बहुत ही यूनिक और पावरफुल मेलाटोनिन नाम का  एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। जो कि इसमें सारे ड्राइफ्रूट्स से सबसे अलग और बेहतर होता है। इसके अलावा इसमें विटामिन-E पॉलीफेनॉल और फ्लेवोनॉयड जैसे एंटी ऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं। जो हमारे शरीर के स्ट्रेस को कम करके फ्री रेडिकल से होने वाले डैमेज से हमारे बॉडी सेल्स को प्रोटेक्ट करते हैं। जिससे हमारी त्वचा लंबे समय तक ग्लोइंग दिखती है। लेकिन उम्र से जुड़ी सभी समस्याएं होती है। यह उसे भी काफी हद तक स्लोडाउन करता है।

कैंसर से बचाने में मददगार 

दोस्तों अखरोट में पॉलीफेनॉल यूरोलीथीन जैसे कंपाउंड पाए जाते हैं। जिसमें मौजूद anti-inflammatory प्रॉपर्टीज कैंसर सेल से लड़ता है। जो  कोलोरेक्टल कैंसर और ब्रेस्ट कैंसर से प्रोटेक्ट करने में काफी हद तक मदद करता है। हालांकि इस विषय में अभी भी कुछ साइंटिफिक रिसर्च होना बाकी है।

दिमागी ताकत बढ़ाए 

दोस्तों अखरोट को अगर आप ठीक से देखे तो यह हूबहू इंसानों के दिमाग के जैसा ही दिखता है। यह और बात है कि शायद हो सकता है कि यह एक संयोग हो। लेकिन यह भी सच है कि अखरोट दिमागी ताकत बढ़ाने में मदद करता है। अखरोट में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड ब्रेन फंक्शन को इंप्रूव करता है। इसमें पाया जाने वाला पॉलीफेनॉल और विटामिन-ई जैसे एंटी ऑक्सीडेंट स्ट्रेस को कम करके दिमागी ताकत को और याददाश्त को बढ़ाने में भी बहुत मदद करते हैं। स्टडी में पाया गया है कि ऐसे अल्जाइमर के मरीज जिसने 10 महीने तक अखरोट का लगातार सेवन किया है। उनकी दिमागी ताकत में दूसरे अल्जाइमर के मरीजों के मुकाबले ज्यादा इंप्रूवमेंट देखने को मिला है। इसलिए अगर आप भी किसी भी तरह की दिमागी कमजोरी का सामना कर रहे हैं। तो आपको अखरोट को अपनी डाइट में शामिल जरूर करना चाहिए।

दिल के लिए फायदेमंद 

दोस्तों हमारे शरीर में अच्छे कोलेस्टेरॉल एचडीएल और बुरे कोलेस्ट्रॉल यानी कि एलडीएल दोनों पाए जाते हैं। जब भी हमारे खून में एलडीएल की मात्रा बढ़ती है। तो ब्लड सप्लाई में रुकावट आने लगती है।  दिल की बीमारी होने के चांसेस बहुत ज्यादा हो जाते हैं। दोस्तों अखरोट में एक ऐसा ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। जो कि हमारी ओवरऑल हेल्थ के लिए जरूरी होने के साथ-साथ शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करता है।जबकि अच्छे कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाता है। जिससे शरीर में कोलस्ट्रोल लेवल बैलेंस रहता है और दिल की बीमारी होने के चांसेस भी बहुत कम हो जाते हैं। हालांकि शरीर में कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना या घटना यह दोनों ही हमारे हमारी डाइट और फिजिकल एक्टिविटी इस पर डिपेंड करते हैं। इसलिए अखरोट की अपनी डाइट में शामिल करने के साथ-साथ। हमे दूसरे खाने की चीजें और दूसरे फिजिकल एक्टिविटीज पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी होता है।

पुरुषों में स्पर्म की शक्ति को बढ़ाएं 

दोस्तों अखरोट में कई तरह के विटामिन पाए जाने के साथ-साथ कैल्शियम,आयरन को पर मैग्नीशियम,पोटेशियम,जिंक और सेलिनियम जैसे भी कुछ जरूरी मिनरल्स पाए जाते हैं। जो कि मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करते हैं और पुरुषों में स्पर्म की क्वालिटी को इंप्रूव करने में बहुत मदद करते हैं। साथ ही साथ इसमें पाए जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट हमको फ्री रेडिकल से होने वाले डैमेज से बचाता है।

पाचन क्रिया को सुधरता है 

 यह एक प्रोबायोटिक की तरह भी काम करता है। जिससे पेट में अच्छे बैक्टीरिया की मात्रा बढ़ती है। जिसे पाचन क्रिया में भी सुधार आता है। अखरोट में कई तरह के विटामिन मिनरल्स एंटी ऑक्सीडेंट और हेल्दी फैट की मात्रा से अधिक होने की वजह से। यह हड्डी और आपको ताकत पहुंचा कर जोड़ों के दर्द और सर दर्द में भी फायदा पहुंचाने के साथ-साथ टाइप टू डायबिटीज जैसी बीमारी से भी काफी हद तक प्रोटेक्ट करता है।

वजन बढ़ाने और वजन घटाने में मददगार 

दोस्तों अखरोट में लगभग 65% फैट होता है। इसलिए जिन लोगों का वजन पहले से ही बढ़ा हुआ है। उन्हें ऐसा लगता है कि अखरोट के सेवन से उनका वजन और भी बढ़ सकता है। लेकिन ऐसा सोचना बिल्कुल ही गलत है। क्योंकि चाहे आपका वजन कम हो या ज्यादा। सही मात्रा में कार्बोहाइड्रेट,प्रोटीन कंज्यूम करने के साथ-साथ फैट की मात्रा भी कंज्यूम करना बहुत जरूरी होता है। अखरोट में पाए जाने वाले टोटल फैट में 90% से भी पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स और मोनोअनसैचुरेटेड फैट होता है। जो कि अच्छे फैट की श्रेणी में आता है। शायद आपको पता ही होगा कि हमारे द्वारा खाए गए खाने में 20 से 35% कैलोरीज फैट से होनी चाहिए। हालांकि आपको एक दिन में कितना फैट कंज्यूम करना चाहिए। यह आपके वजन घटाने और वजन घटाने के फिटनेस गोल पर निर्भर करता है। अब हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि एक दिन में कितना अखरोट खाना चाहिए और इसे खाने का सही समय और सही तरीका क्या है।

 

अखरोट खाने का सही समय क्या है

पहले हम बात करते हैं कि अखरोट खाने का सही समय क्या है। अखरोट में हाई कैलोरीज विटामिंस और मिनरल्स की मात्रा अधिक होने की वजह से। हमें इसका सेवन तब करना चाहिए। जब हमारे शरीर को तुरंत हेल्दी न्यूट्रिएंट्स की जरूरत हो। जिसके लिए सुबह खाली पेट,एक्सरसाइज के तुरंत बाद और शाम का समय बिल्कुल परफेक्ट होता है। क्योंकि ऐसे समय में हमारा पेट खाली रहता है। जिसकी वजह से खाई जाने वाली चीजों में मौजूद  पोषक तत्व को हमारा शरीर बहुत ही तेजी से अअब्सॉर्ब करता है। क्योंकि अखरोट में सभी तरह के ड्राई फ्रूट से अलग एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है। जो मेलाटोनिन है और इसलिए यह एक स्लीपिंग हार्मोन की तरह भी काम करता है।

 

यही वजह है कि अखरोट का इस्तेमाल रात के समय भी किया जा सकता है। क्योंकि मेलाटोनिन हमारे दिमाग में स्लीपिंग हार्मोन को रेगुलेट करता है। जिससे कि अच्छी नींद मिलने में बहुत मदद मिलती है।  अगर आप रात को सोने से पहले दूध भी पीते हैं। तब भी आप दूध के साथ इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।अगर आप इसका इस्तेमाल सोने से पहले करना चाहते हैं। तो रात का खाना थोड़ा कम मात्रा में खाएं और एक से दो अखरोट को दूध के साथ या फिर बिना दूध के ही खाना खाने से एक-दो घंटे बाद और सोने से आधा घंटा पहले ही इसका इस्तेमाल करें। ताकि आपके शरीर को इसे खाने का सही फायदा मिल सके।

 

एक दिन में कितना अखरोट खाना चाहिए 

 

दोस्तों हमें एक  दिन में कितना अखरोट खाना चाहिए। यह इसमें मौजूद पोषक तत्व को ध्यान में रखते हुए ही डिसाइड करना चाहिए। क्योंकि अखरोट में कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन के अलावा सबसे ज्यादा फैट की मात्रा होती है। इसलिए आपको इसे कितना खाना चाहिए। यह आपकी फिटनेस गोल और इसे खाने की सही वजह पर निर्भर करता है। क्योंकि कुछ लोग अखरोट को अच्छी सेहत मेंटेन करने के लिए खाना चाहते हैं। जो लोग वजन बढ़ाने और वजन घटाने की डाइट फॉलो कर रहे होते हैं।  तो इसलिए जरूरी है कि इसे अलग-अलग फायदे के लिए अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए। वैसे तो एक दिन में कम से कम एक और ज्यादा से ज्यादा 6 से 7 अखरोट खाना सही माना जाता है।

 

ज्यादातर बॉडीबिल्डर हेल्दी फैट के टारगेट को पूरा करने के लिए अखरोट का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन यहां यह भी ध्यान देना जरूरी है कि हर व्यक्ति का पाचन एक जैसा काम नहीं करता है।  किसी भी चीज का पूरा फायदा शरीर को तब तक नहीं मिल पाता। जब तक कि वह हमारे पेट में ठीक से पच नहीं जाता है। जब आप ज्यादा मात्रा में अखरोट का सेवन करते हैं। तो वह आसानी से पेट में पच नहीं पाता है। जिसकी वजह से इसके फायदे नुकसान में भी बदल सकते हैं। इसलिए अगर आप अपनी डेली लाइफ में ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं और सिर्फ हेल्दी रहने के लिए पहली बार अखरोट को अपनी डाइट में शामिल करना चाहते हैं। तो आपको एक या दो अखरोट से ही शुरुआत करनी चाहिए। धीरे-धीरे शरीर का रिस्पांस देखते हुए इसके मात्रा को हटाना या फिर बढ़ाना चाहिए।

वजन घटाने और बढ़ाने में अखरोट किस तरह मदद करता है।

अगर आप वजन बढ़ाने या वजन घटाने के लिए हेवी वर्क आउट करते हैं। तो आपको एक्सरसाइज के बाद इसका सेवन करना चाहिए। अगर आप एक्सरसाइज करने के साथ-साथ वजन बढ़ाने की डाइट फॉलो कर रहे हैं। तो आपको शुरुआत में दो से तीन अखरोट का सेवन एक्सरसाइज के बाद 30 मिनट के अंदर ही कर लेना चाहिए।  बाद में धीरे-धीरे शरीर का रेस्पॉन्स देखते हुए। अखरोट की मात्रा घटानी या फिर बढ़ानी चाहिए।  अगर आप वजन घटाने की डाइट फॉलो कर रहे हैं। तो आपको एक से दो अखरोट से शुरुआत करनी चाहिए और इसका सेवन एक्सरसाइज के 1 घंटे बाद ही करना चाहिए।

 

यह भी पढ़े:- कच्चा दूध पिने से शरीर में क्या होता है || Raw Milk vs Boiled Milk

 

क्योंकि एक्सरसाइज के दौरान मेटाबॉलिज्म बूस्ट हो जाता है।  इसलिए एक्सरसाइज के तुरंत बाद हमें बहुत तेज भूख लगती है। हमारा शरीर एनर्जी प्रोड्यूस करने के लिए फैट सेल्स को इस्तमाल करने लगता है। इससे शरीर की चर्बी पिघलने लगती है। यह प्रोसेस लगभग एक्सरसाइज के 1 घंटे बाद तक चलती रहती है। जब हम एक्सरसाइज के तुरंत बाद कुछ खा लेते हैं। तो हमारा शरीर एनर्जी प्रोड्यूस करने के लिए उस खाने में मौजूद कैलोरी को इस्तमाल लगता है और फैट बर्निंग की प्रोसेस तुरंत स्टॉप हो जाता है।

इसलिए फैट लॉस के लिए एक्सरसाइज करने वाले लोगों को अखरोट या फिर किसी भी खाने का इस्तेमाल एक्सरसाइज के 1 घंटे बाद ही करना चाहिए। यह  ख्याल रखें कि अगर आप दो से तीन अखरोट से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहते हैं। तो आपको डेली डाइट में खाये जाने वाले अनहेल्थी फैट की मात्रा का सेवन कम कर देना चाहिए। क्योंकि अखरोट हो या फिर कुछ और जरूरत से ज्यादा फैट के सेवन से वजन घटाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही साथ यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि सिर्फ अखरोट अकेले तब तक कुछ नहीं कर सकता। जब तक कि व्यक्ति का खानपान और लाइफस्टाइल ठीक ना हो। क्योंकि वजन का घटना या बढ़ना व्यक्ति की डाइट, फिजिकल एक्टिविटीज पर निर्भरकरता है। अगर आप चाहते हैं कि मैं फैट लॉस पर डिटेल में पोस्ट लिखूं। तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

अखरोट को भीगा कर खाना चाहिए या फिर सुखा ही खाना चाहिए 

दोस्तों सूखे अखरोट में ऐसा एसिड काफी मात्रा में पाया जाता है। जो कि पेट में जाकर वहां मौजूद मिनरल्स के साथ बाइंडिंग करके फाइटेड बनाता है। जो कि शरीर में पोषकतत्वों को अब्सॉर्ब करने में बाधा डालने के साथ-साथ पाचन क्रिया को भी बहुत धीमा कर देता है। अगर हम अखरोट को खाने से पहले पानी में भिगो कर रख देते हैं। तो इसमें मौजूद एसिड पानी में मौजूद मिनरल्स से बाइंडिंग करके काफी हद तक अखरोट से बाहर निकल जाता है।  तब यह सूखे अखरोट के मुकाबले पचने में ज्यादा आसान हो जाता है। इसकी गर्म तासीर भी काफी हद तक कम हो जाती है। इसलिए इसे इस्तेमाल करने के सात से आठ घंटे पहले अखरोट को पानी में डालकर छोड़ देना चाहिए।

 

फिर इसे खाते वक्त बाहर निकाल कर साफ पानी से धोकर इसका सेवन करना चाहिए। जब आप अखरोट को पानी से बाहर निकालेंगे तो आप देखेंगे कि अखरोट के ऊपर भी पतली सी छिलके की परत होती है। इस छिलके में 90% से भी ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। जो कि अखरोट का एक सबसे  मुख्य भाग माना जाता है। इसलिए अखरोट को खाने के लिए   इसके छिलके को निकालना बिल्कुल भी जरूरी नहीं है। किसी भी व्यक्ति को इसके छिलके को तब तक निकालना चाहिए। जब भीगा हुआ अखरोट उसके शरीर में ठीक से नहीं पच पाता है।

किस तरह के अखरोट का सेवन करना चाहिए

 

दोस्तों खासतौर पर अखरोट दो तरीके के होते हैं। भूरा अखरोट और काला अखरोट। भूरे अखरोट को  इंग्लिश नट के नाम से भी जाना जाता है. वैसे तो दोनों ही अखरोट में लगभग बराबर मात्रा में कैलरी पाई जाती है। लेकिन काले अखरोट में कुछ माइक्रोन्यूट्रिएंट्स जैसे की अर्जीनाइन और सेलेनियम की मात्रा भूरे अखरोट के मुकाबले ज्यादा होती है। जबकि भूरे अखरोट में काले अखरोट के मुकाबले ओमेगा-3 फैटी एसिड की मात्रा ज्यादा पाई जाती है। भूरे अखरोट में पाया जाने वाला सेल काले अखरोट से के पतले होते हैं। जो कि आसानी से टूट जाते हैं। साथ ही  साथ भूरे अखरोट का टेस्ट भी काले अखरोट के मुकाबले सॉफ्ट और अच्छा होता है। इसलिए अगर देखा जाए तो खाने के मामले में भूरा अखरोट ही काले अखरोट के मुकाबले ज्यादा अच्छा होता है।

 

एक और बात पर ध्यान देना जरूरी है कि अखरोट को किसी टाइट डब्बे में बंद करके। किसी ठंडी जगह या रेफ्रिजरेटर यानी कि फ्रीज में स्टोर करके रखना चाहिए। क्योंकि अखरोट में पाया जाने वाला पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स किसी गर्म जगह पर जल्दी ऑक्सिडाइज हो जाता है। जिससे इसमें फंगस लगकर खराब होने के साथ-साथ।  इसकी स्मेल और टेस्ट भी बिगड़ जाता है। तभी इसके सेवन से शरीर को नुकसान भी हो सकता है। इसलिए अखरोट को खरीदते वक्त चेक करके खरीदने के साथ-साथ इसे जहां तक हो सके ठंडी जगह पर ही स्टोर करके रखना चाहिए।

किन लोगो को अखरोट का सेवन नहीं करना चाहिए 

 दोस्तों अखरोट के अनगिनत फायदा होने के बावजूद यह टॉप एलर्जी फूड की श्रेणी में भी आता है। इसलिए यह हर किसी को सूट नहीं करता है। कभी-कभी कुछ लोगों को इससे त्वचा से जुड़ी बीमारी और मुंह के आसपास हिस्से में बीमारी होने लगती है। अगर ऐसा बहुत ही थोड़ा होता है। तो कोई समस्या की बात नहीं है। लेकिन इसे खाने की वजह से हलक,जुबान और मुंह के आसपास के हिस्से में अगर ज्यादा सेंसेशन होती है। तो ऐसे लोगों को डॉक्टर की सलाह लेकर ही अखरोट का सेवन करना चाहिए। अखरोट का सेवन ऐसे लोगों को भी खुद से नहीं करना चाहिए। जिन्हें पहले से ही एक्जिमा,सोरायसिस या किसी भी तरह की एलर्जी होती है।

वैसे तो गर्भवती महिलाओं के लिए अखरोट बहुत ही फायदेमंद होता है। लेकिन यहां भी इस बात का ख्याल रखना जरूरी है कि अखरोट एक एलर्जीक फूड है। इसलिए अगर पेट में पलने वाले बच्चे को इससे अलर्जी  है। तो ऐसे में अखरोट को डाइट में शामिल करना एक सही विकल्प नहीं होगा। इसलिए जरूरी है कि गर्भवती महिलाएं अखरोट को अपने डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

पिंपल वाले लोगो को अखरोट का सेवन करना चाहिए या नहीं  

कुछ लोगों से आपने अक्सर सुना होगा कि ड्राई फ्रूट्स के सेवन से चेहरे पर एक्ने और पिंपल्स की समस्या बढ़ने लगती है। लेकिन ऐसा कहना सही भी है और गलत भी। क्योंकि मैंने पहले भी कहा है कि अखरोट सबको सूट नहीं करता और इसलिए एक्ने की समस्या बढ़ जाती है। दूसरी बात यह है कि अखरोट में ओमेगा-6 की मात्रा ओमेगा-3 के मुकाबले में ज्यादा होती है। ओमेगा-3 इन्फ्लेमेशन को कम करता है। जबकि ज्यादा omega-6 के सेवन से बॉडी में इन्फ्लेमेशन बढ़ जाता है। जिससे कि त्वचा में तेल का उत्पादन भी ज्यादा होने लगता है। जिससे पिंपल्स के होने के चांसेस भी ज्यादा होते हैं।

 

 अगर दूसरी तरफ देखा जाए तो अखरोट में ओमेगा-3 और जिंक भी पाया जाता है। जो कि पिंपल्स को कम करने में मदद करता है और ओवरऑल अगर कहा जाए तो अखरोट का सेवन पिंपल वाले लोग भी कर सकते हैं। लेकिन उन्हें अखरोट का सिमित मात्रा में सेवन करना चाहिए। साथ ही साथ ओमेगा-3  के भोजन को भी अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। जैसे कि फ्लैक्सीड,चीयासीड या फिर फिशऑयल यानी कि इन तीनों में से किसी एक को अपने भोजन में शामिल करना जरूरी है। क्योंकि इनमें ओमेगा-3 की मात्रा ज्यादा होने की वजह से अखरोट से मिलने वाले ओमेगा ओमेगा-6 की मात्रा को बैलेंस किया जा सकता है।

 

पिंपल्स वाले लोग भी अखरोट का आसानी से सेवन कर सकते हैं। मैं एक बार फिर यही कहना चाहूंगा कि अखरोट एक सुपर फूड है। इसलिए कम से कम एक-दो अखरोट को अपनी डाइट में शामिल जरूर करना चाहिए। अगर आपको इससे फायदा मिलता है। तो आपको इसे लगातार सेवन करना चाहिए। क्योंकि इससे होने वाले फायदे अनगिनत है।जबकि नुकसान बहुत ही कम है। यानी कि ना के बराबर है। रही बात चेहरे पर पिंपल्स की अगर आपके चेहरे पर पिंपल्स है। तो मैंने पिंपल से जुड़ी पहले ही 5 पोस्ट लिखी है। तो आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके। उन सभी पोस्टों को एक बार जरूर पढ़े। हम उम्मीद करते हैं कि उन पोस्टों को पढ़ने के बाद आपको पिंपल्स की समस्या से छुटकारा प्राप्त करने में काफी मदद मिलेगी।

यह भी पढ़े:- ब्लैकहेड्स वाइटहेड्स पिंपल कील और मुंहासों को जड़ से कैसे खत्म करे

यह भी पढ़े:- ये खाना बनता है आपके पिम्पल को बद से बदतर

यह भी पढ़े :- ये चीजे खाने से आपका पिम्पल जड़ से खत्म हो जाएगा 

यह भी पढ़े :- 20 गलतियाँ जो आपके चेहरे के पिम्पल को बद से बदतर बना देती है

यह भी पढ़े:- गोरा होने के उपाय जिनकी मदद से आप हमेशा के लिए गोरा हो सकते है

Share this:

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top