टाटा पॉवर के शेयर में अस्थिरता: स्वच्छ ऊर्जा के लिए कंपनी का फोकस

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tata Share (image via businesstoday)

टाटा पॉवर कंपनी के शेयरों में 13 अगस्त 2024 को भारी अस्थिरता देखी गई। इस दिन, टाटा पॉवर का स्टॉक 2.43% की गिरावट के साथ 408 रुपये पर बंद हुआ। टाटा पॉवर ने हाल के वर्षों में स्वच्छ ऊर्जा, रूफटॉप सोलर और इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग जैसे क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत की है। कंपनी का ध्यान अब ऊर्जा प्रबंधन और स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन पर अधिक केंद्रित है। टाटा पॉवर के कुल बिजली उत्पादन में से 40% हिस्सा अक्षय ऊर्जा का है, जो दर्शाता है कि कंपनी इस क्षेत्र में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है।

पिछले एक साल में, टाटा पॉवर के शेयरों ने निवेशकों को लगभग 80% का लाभ प्रदान किया है। कंपनी का व्यापार पहले ज्यादातर B2B (बिजनेस-टू-बिजनेस) से आता था, लेकिन अब यह अनुपात बदलकर 60:40 हो गया है। इसका मतलब है कि कंपनी अब अपने ग्राहकों से सीधे जुड़ने पर जोर दे रही है, खासकर दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में। इन शहरों में टाटा पॉवर रूफटॉप सोलर और ईवी चार्जिंग जैसे उभरते क्षेत्रों में निवेश कर रही है।

टाटा पॉवर के पास भारत में 14,453 मेगावाट क्षमता का पोर्टफोलियो है, जिसमें से 40% अक्षय ऊर्जा है। कंपनी के रूफटॉप सोलर ग्राहकों की संख्या 1 लाख तक पहुंच गई है और अगले तीन से चार वर्षों में इसे 20-25 लाख तक बढ़ाने की योजना है। इसके अलावा, टाटा पॉवर के पास भारत के 553 शहरों में 5,569 ईवी चार्जिंग पॉइंट्स हैं। कंपनी ने अपने उत्पादों को लेकर ग्राहकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त की है और इन पर ग्राहकों का भरोसा भी बढ़ा है।

कंपनी के मुताबिक, उसने जिन उत्पादों को लॉन्च किया है, उन्हें ग्राहकों से बेहतरीन प्रतिक्रिया मिली है। यह दर्शाता है कि कंपनी के पास एक मजबूत और वफादार ग्राहक आधार है। स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में टाटा पॉवर की यह पहल न केवल पर्यावरण के लिए लाभदायक है, बल्कि कंपनी के व्यापार को भी नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है।

महत्वपूर्ण बात यह है कि शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश जोखिमों के साथ आता है। इसलिए, किसी भी प्रकार के वित्तीय नुकसान से बचने के लिए निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श अवश्य करें।

टाटा पॉवर के शेयरों में इस अस्थिरता का मुख्य कारण कंपनी का स्वच्छ ऊर्जा में निवेश और उसके पोर्टफोलियो में हुआ विस्तार है। कंपनी ने दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े बाजारों में सीधे ग्राहकों से जुड़कर अपने व्यापार को और भी विस्तृत किया है। इसके साथ ही, कंपनी ने अपने रूफटॉप सोलर और ईवी चार्जिंग पोर्टफोलियो में भी बड़ा निवेश किया है, जिससे भविष्य में उसके शेयरों में और अधिक स्थिरता की उम्मीद की जा सकती है।

कुल मिलाकर, टाटा पॉवर ने पिछले कुछ वर्षों में स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में जो कदम उठाए हैं, वे उसके व्यापार के लिए लाभदायक साबित हो रहे हैं। हालांकि, शेयर बाजार में निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए कि टाटा पॉवर के शेयरों में अस्थिरता बनी रह सकती है, लेकिन दीर्घकालिक दृष्टिकोण से कंपनी की योजनाएं और उसके व्यापार का विस्तार सकारात्मक संकेत देते हैं।